कांग्रेस पार्टी ममता बनर्जी से नाराज है पर उद्धव ठाकरे से कोई नाराजगी नहीं है। कांग्रेस की नाराजगी इस बात को लेकर है कि ममता बनर्जी ने उसकी पार्टी के नेताओं को तोड़ा। पिछले साल के लोकसभा चुनाव से पहले ममता ने कांग्रेस की सांसद रही मौसम नूर का दलबदल कराया। वे एबीए गनी खां चौधरी के परिवार की हैं, जिसका मुर्शिदाबाद और आसपास के इलाकों में बहुत दबदबा है। कांग्रेस में इस पर चर्चा हुई और यह माना जा रहा है कि ममता से निर्णायक दूरी इसके बाद ही बढ़ी। तभी लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद ममता के धुर विरोधी अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया और उसके बाद उनको पश्चिम बंगाल का प्रदेश अध्यक्ष भी बना दिया गया है।
लेकिन कांग्रेस में ऐसी कोई नाराजगी उद्धव ठाकरे को लेकर नहीं है, जिन्होंने एक के बाद एक कांग्रेस की दो महिला नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी शिव सेना में शामिल हुईं। पार्टी में शामिल होने के तुरंत बाद ही शिव सेना ने उनको राज्यसभा का सदस्य बना दिया। अब हीरोइन से नेता बनीं उर्मिला मातोंडकर भी कांग्रेस छोड़ कर शिव सेना में शामिल हो गई हैं। उनको शिव सेना राज्यपाल कोटे से विधान परिषद का सदस्य बना रही है। कांग्रेस ने न तो इस पर कोई आपत्ति की है और न नाराजगी जताई है।