अगले साल राज्य के दोवार्षिक चुनावों में कांग्रेस को तीन या चार सीटों का फायदा हो सकता है। अभी उच्च सदन में कांग्रेस की सीटें घट कर 34 रह गई हैं। अगले साल के दोवार्षिक चुनाव में कांग्रेस को फायदा इसलिए होगा क्योंकि तीन साल पहले तीन राज्यों में उसका चुनावी प्रदर्शन सुधरा था। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में उसे सीटों का फायदा होगा। अकेले राजस्थान में उसे तीन सीटों का फायदा हो रहा है। मध्य प्रदेश में स्थिति जस की तस रहेगी और छत्तीसगढ़ में उसे एक सीट का फायदा होगा। महाराष्ट्र में नफा-नुकसान कुछ नहीं होगा। हो सकता है कि सहयोगी पार्टियां राजी हों तो झारखंड और बिहार में उसे एक-एक सीट का फायदा हो सकता है।
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हरियाणा में दो सीटें खाली हो रही हैं, जिनमें से एक सीट भाजपा की और दूसरी भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा की हैं। इनमें से एक सीट कांग्रेस पार्टी को मिलेगी। पंजाब में अगले साल सभी सात सीटों के चुनाव होंगे। पांच सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं और दो जुलाई में। इन सात में से कांग्रेस के पास तीन सीटें हैं, जो बढ़ कर पांच हो सकती हैं। यानी दो सीटों का उसे फायदा हो सकता है। कांग्रेस अगर उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उसे कपिल सिब्बल की सीट का नुकसान हो सकता है। कर्नाटक में कांग्रेस के दो सांसद रिटायर हो रहे हैं और संभव है कि पार्टी दो सीटें बचाने में कामयाब रहे। सभी राज्यों का नफा-नुकसान मिला कर कांग्रेस को चार या पांच सीटों का फायदा हो सकता है। कांग्रेस की सहयोगी डीएमके को तमिलनाडु में दो सीटों का फायदा हो सकता है।