कांग्रेस पार्टी में संगठन चुनावों की कोई हलचल नहीं है। पार्टी पिछले छह महीने से अंतरिम अध्यक्ष के साथ काम चला रही है। कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है। राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और उसके कुछ समय के बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया। तब से कहा जा रहा है कि जल्दी ही पार्टी को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनेगा। पर वह समय कब आएगा, इस बारे में कांग्रेस का कोई नेता कुछ नहीं जानता है।
भाजपा में भी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। अमित शाह का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनको लोकसभा चुनाव तक विस्तार दिया गया और उसके बाद जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। उसके बाद राज्यों में भाजपा के संगठन चुनाव हुए और अब नड्डा पूर्णकालिक अध्यक्ष बन गए हैं। कांग्रेस में अभी इसकी कोई सुगबुगाहट नहीं दिखाई दे रही है। न तो राज्यों में संगठन के चुनाव हो रहे हैं और न राष्ट्रीय स्तर पर संगठन चुनावों की कोई हलचल दिखाई दे रही है।
ध्यान रहे पिछली बार जब अध्यक्ष का चुनाव हुआ था और राहुल गांधी निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे तब कांग्रेस का संगठन चुनाव बड़े धूम धड़ाके से हुआ था। राहुल के करीबी नेता मुल्लापल्ली रामचंद्रन को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया था और लंबी प्रक्रिया के बाद राहुल को पार्टी की कमान सौंपी गई थी। पर डेढ़ साल में ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया और अब सब कुछ जस का तस है। कांग्रेस के ज्यादातर नेता मान रहे हैं कि सोनिया गांधी ही अध्यक्ष रहेंगी पर उसका शुभ मुहूर्त कब आएगा यह किसी को पता नहीं है। कहा जा रहा है कि राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति होने वाली है। फिर उसके बाद राष्ट्रीय संगठन में बदलाव होगा।