Congress loksaba election 2024 कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर किसी जल्दी में नहीं है। ममता बनर्जी भले उसके लिए बहुत उत्साह दिखा रही हैं लेकिन कांग्रेस को हड़बड़ी नहीं है। कांग्रेस पार्टी अपना समय आने का इंतजार कर रही है। पार्टी को लग रहा है कि अगले साल होने वाले पांच राज्यों के चुनाव के बाद कांग्रेस की स्थिति बदल जाएगी। कांग्रेस के नेता उत्तर प्रदेश छोड़ कर बाकी चार राज्यों- उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में अच्छा प्रदर्शन करने या सरकार बनाने की उम्मीद कर रहे हैं।
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अगर पांच में दो-तीन राज्यों में भी कांग्रेस सरकार बनाती है और साल के अंत में होने वाले दो राज्यों- गुजरात और हिमाचल प्रदेश में से एक हिमाचल जीतती है तो तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी। फिर विपक्षी राजनीति की पहल वापस कांग्रेस के हाथ में आ जाएगी। अगले लोकसभा चुनाव से पहले देश के कम से कम 13 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं। इनमें से एक उत्तर प्रदेश छोड़ दें तो बाकी 12 राज्यों में कांग्रेस सीधे मुकाबले में है। हर जगह उसका भाजपा से मुकाबला है। अगले साल के सात राज्यों के चुनाव के अलावा 2023 में कर्नाटक, त्रिपुरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और नगालैंड के चुनाव हैं। कांग्रेस इनमें से कई राज्यों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है।
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अगर 2023 के चुनाव को छोड़ भी दें तब भी कांग्रेस कम से कम 2022 के सात राज्यों के चुनाव नतीजों तक इंतजार करेगी। यानी कांग्रेस की ओर से विपक्षी एकजुटता का प्रयास दिसंबर 2022 के बाद ही शुरू होगा। उस समय तक अगर कांग्रेस की स्थिति सुधर जाती है तो वह अपने छाते के नीचे विपक्षी पार्टियों को लाएगी। अगर सात राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छ नहीं रहता है तब कांग्रेस प्रादेशिक क्षत्रपों के साथ समझौते के लिए तैयार होगी। उस समय ममता का विकल्प कांग्रेस चुन सकती है। अगर उत्तर प्रदेश में सपा अगले साल अच्छा प्रदर्शन करती है तो अखिलेश यादव का कद भी बढ़ा हुआ होगा।
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कांग्रेस अभी इंतजार के मूड में
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