पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस के अंदर और बाहर मचे घमासान के बीच कांग्रेस के एक जानकार नेता ने सारी समस्याओं का बुनियादी कारण बताते हुए कहा कि पार्टी आलाकमान फैसला नहीं करता है। उन्होंने कहा कि पार्टी फैसला करना शुरू कर दे आधी समस्याएं हल हो जाएंगी। कांग्रेस कार्य समिति में शामिल इस नेता का कहना है कि फैसला गलत हो तो बदला जा सकता है लेकिन फैसला ही न हो तो कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने भाजपा की मिसाल देते हुए कहा कि इतना पावरफुल होने के बावजूद भाजपा आलाकमान ने कितनी बार फैसला बदला है। Congress party political crisis
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मिसाल के तौर पर भाजपा आलाकमान ने उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटा कर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन जब लगा कि फैसला सही नहीं है तो तीरथ सिंह रावत को हटा कर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया और उसका फैसला सही साबित हो गया। ऐसे ही 2019 में बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया और दो साल बाद ही उनको हटा कर बासवराज बोम्मई को बना दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने तंज करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह जितने समय में फैसला करके उसे बदल देते हैं उतना समय कांग्रेस आलाकमान फैसला करने में लगा देता है। गुजरात में प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल का नेता नियुक्त करने में कांग्रेस ने दो साल लगाए। कांग्रेस की मौजूदा दशा से आहत नेता ने कहा कि सही हो या गलत, पार्टी पहले फैसला करना शुरू करे। महीनों और कई बार सालों तक फैसला लटकाए रखने से पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान है। Congress party political crisis