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प्रियंका के खिलाफ भी नाराजगी

ByNI Political,
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प्रियंका के खिलाफ भी नाराजगी
एक समय ऐसा था जब कांग्रेस के नेता जोर-शोर से मांग कर रहे थे कि प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाया जाए। कई बार प्रियंका लाओ, कांग्रेस बचाओ का शोर हुआ। पिछले तीन साल से वे सक्रिय राजनीति में हैं और बतौर महासचिव पार्टी का काम कर रही हैं लेकिन इन तीन सालों में ही कांग्रेस के नेता उब गए और खुल कर उनका विरोध करने लगे। प्रियंका को लेकर कांग्रेस के अंदर दो तरह की राय सुनने को मिल रही है। नेताओं के एक समूह का कहना है कि प्रियंका में वह समझदारी और करिश्मा नहीं है, जो दूर से दिख रहा था। दूसरे समूह के नेताओं का कहना है कि वे जान बूझकर कांग्रेस का भट्ठा बैठा रही हैं और राहुल गांधी की विश्वसीयता, साख और नेतृत्व को खत्म कर रही हैं ताकि आने वाले दिनों में वे पार्टी पर कब्जा कर सकें। साजिश थ्योरी का प्रचार करने वाले इस खेमे का कहना है कि प्रियंका और उनके करीब लोग जान बूझकर ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं कि राहुल गांधी सब छोड़ दें। (congress party priyanka gandhi) Read also यूपी चुनाव तक बंगला रहेगा चिराग के पास! इस थ्योरी का प्रचार कर रहे नेताओं में से बिहार के एक नेता ने पिछले साल के अंत में हुए बिहार चुनाव की मिसाल दी। उन्होंने कहा कि बिहार में राजद ने कांग्रेस के लिए 70 सीटें छोड़ीं, लेकिन 30 सीटें ऐसी दीं, जिस पर न कांग्रेस जीत सकती थी और न खुद राजद। उनका कहना था कि कांग्रेस के तब के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल इन सीटों के लिए तैयार नहीं थे पर प्रियंका गांधी ने दिल्ली से निर्देश दिया कि गोहिल सीटों की बात नहीं करेंगे, बल्कि स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख देवेंद्र यादव सीटों की बात करेंगे। देवेंद्र यादव को न सीटों का कोई अंदाजा था और न कांग्रेस के लिए जीतने वाली सीटें लेने में उनकी कोई दिलचस्पी थी। वे बैठे और तेजस्वी यादव ने जो सीट दी वह लेकर चले आए। इसका नतीजा यह हुआ है कि यूपीए के अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब हुआ। पहले 40 सीट लड़ कर 27 सीट जीतने वाली कांग्रेस 70 सीट लड़ कर सिर्फ 17 जीत पाई। प्रियंका पर आरोप लगा रहे नेता पंजाब के लिए उनको जिम्मेदार बता रहे हैं। उनका कहना है कि पंजाब में प्रियंका ने नवजोत सिंह सिद्धू को आगे किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस का भट्ठा बैठा। स्थानीय निकाय चुनावों में अकाली दल, भाजपा और आप का सूपड़ा साफ करने वाली कांग्रेस अब सभी सर्वेक्षणों में दूसरे स्थान पर दिख रही है। उत्तर प्रदेश में प्रियंका के प्रदर्शन की मिसाल भी दी जा रही है और बताया जा रहा है कि उन्होंने चुनाव लड़ाया तो कांग्रेस दो से एक सीट पर आ गई। सो, कांग्रेस के कई नेता प्रियंका की भूमिका सीमित करने की मांग भी कर रहे हैं।
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