मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को क्या कांग्रेस आलाकमान ने हर मसले पर ट्रैक-टू वार्ता के लिए अधिकृत किया है? वे हर मसले पर परदे के पीछे पंचायत करने वाली वार्ताएं कर रहे हैं। पहले उन्होंने कांग्रेस के असंतुष्ट 23 नेताओं में से कई नेताओं की सोनिया गांधी के साथ मुलाकात कराई और कार्य समिति की बैठक करा कर पिछले साल अगस्त से चल रहे विवाद को खत्म कराया। पिछले दिनों उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बंद कमरे में लंबी वार्ता की। बताया जा रहा है कि कृषि कानूनों और किसान आंदोलन के मसले पर उन्होंने बात की। हालांकि राहुल गांधी ने कृषि कानूनों पर जैसा रुख अख्तियार किया है उसे देख कर लग नहीं रहा है कि कोई बीच का रास्ता निकलेगा।
बहरहाल, कमलनाथ के बारे में खबर है कि वे झारखंड में प्रदेश कांग्रेस के अंदर चल रही खींचतान को खत्म करने के काम में भी लगे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों वे दिल्ली में सोनिया गांधी से मिले थे तब इस बारे में चर्चा हुई थी। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उन्होंने सोनिया गांधी को झारखंड में पार्टी टूटने की आशंका के बारे में बताया था या पार्टी आलाकमान को पहले से जानकारी थी और उसने बुला कर कमलनाथ से बात की थी। पर कमलनाथ के करीबी सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान ने उनसे झारखंड पर नजर रखने को कहा है। गौरतलब है कि झारखंड में कांग्रेस के 16 विधायक हैं, जिनमें से 11 विधायकों के बारे में पिछले दिनों खबर उड़ी थी कि वे भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। हालांकि उसके बाद मामला ठंडा पड़ गया।
ट्रैक-टू वार्ता के लिए क्या कमलनाथ अधिकृत हैं?
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