कांग्रेस पार्टी के अंदर चल रहा विवाद क्या अहमद पटेल की जगह लेने के लिए है? कांग्रेस के अंदर चल रही दस किस्म की साजिश की चर्चाओं के बीच एक बड़ी चर्चा इस बात की है कि कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा नेता अहमद पटेल की जगह लेने की जुगाड़ में लगे हैं और इस चक्कर में अपनी पोजिशनिंग कर रहे हैं। असल में गांधी परिवार के सदस्यों के ठीक बाद की जगह किसको मिलेगी, यह कांग्रेस में बहुत अहम होता है। अब तक पिछले करीब दो दशक से वह जगह अहमद पटेल के पास है। लेकिन वे पिछले करीब दो महीने से बीमार हैं और उनके ठीक होकर कामकाज संभालने में बहुत समय लग सकता है।
उनके अलावा जो लोग करीबी थे वे रिटायर हो गए हैं या रिटायर कर दिए गए हैं या रिटायर होने वाले हैं। कुछ लोगों का निधन भी हो गया। अहमद पटेल के अलावा जनार्दन द्विवेदी, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी आदि नेताओं को परिवार का करीबी माना जाता था। लेकिन अब ये सब हाशिए में हैं। ऐसे में इस बात की खींचतान है कि कौन गैर गांधी नेता होगा, जो कांग्रेस संगठन में पद सोपान पर सबसे ऊपर होगा। पी चिदंबरम अपने को इस पद का स्वाभाविक दावेदार मान रहे हैं क्योंकि उनको सोनिया और राहुल गांधी दोनों पसंद करते हैं। उन्होंने अपनी पोजिशनिंग उसी हिसाब से की है।
राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल को संगठन का महामंत्री जरूर बनाया है पर सबको पता है कि उनमें दम नहीं है और वे अखिल भारतीय राजनीति नहीं कर सकते थे। अशोक गहलोत कर सकते थे, जो पहले संगठन महामंत्री थे, लेकिन वे राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं और दिल्ली नहीं आएंगे। राहुल के करीबी रणदीप सुरजेवाला को हाल ही में बड़ी तरक्की मिली है और वे महासचिव के साथ साथ कर्नाटक के प्रभारी बनाए गए हैं। उन्हे बिहार चुनाव प्रबंधन का जिम्मा दिया गया था और कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए बनी छह सदस्यों की समिति में भी उनको रखा गया है। सो, सबसे ज्यादा नेता उनसे चिढ़े हुए हैं। पर कोषाध्यक्ष का काम बहुत तकनीकी किस्म का है और वह संभालना किसी के लिए मुश्किल नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष का राजनीतिक सचिव तो कोई भी बन सकता है पर कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाना सबके वश की बात नहीं है। सोनिया और राहुल गांधी भी इस बात को समझ रहे हैं। कमलनाथ और पी चिदंबरम कोषाध्यक्ष के लिए उपयुक्त माने जा रहे हैं। इनके अलावा दिग्विजय सिंह, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, शशि थरूर आदि के नाम की भी चर्चा है। इनके अलावा दूसरी पीढ़ी के कई नेता खास कर कनिष्क सिंह, मिलिंद देवड़ा, रणदीप सुरजेवाला, जितेंद्र सिंह आदि भी इस प्रयास में लगे हैं कि अपने समकालीन नेताओं को पीछे छोड़ कर कांग्रेस परिवार के बाद के दूसरे, तीसरे स्थान पर पहुंचा जाए। बहरहाल, सब कुछ इस पर निर्भर है कि गुरुग्राम के मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में इलाज करा रहे अहमद पटेल कितनी जल्दी ठीक होकर लौटते हैं और कामकाज संभालते हैं?