कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है। पूरे देश में 20 से 30 सितंबर तक प्रदर्शन करने की योजना है। पिछले महीने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश की 19 विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग की थी, जिसमें इस प्रदर्शन की योजना बनी थी। लेकिन ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस को अकेले की प्रदर्शन करना होगा। कुछ राज्यों में उसे प्रादेशिक पार्टियों का समर्थन मिल जाएगा, लेकिन मोटे तौर पर प्रदर्शन की सारी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी। संयोग से कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई है, जिसके जिम्मे लगातार चलने वाले प्रदर्शन आयोजित करने का काम है। प्रियंका गांधी भी इस कमेटी में हैं। congress protest modi government
Read also त्रिपुरा में तृणमूल की चिंता में भाजपा
हालांकि प्रियंका इन दिनों उत्तर प्रदेश के चुनाव में बिजी हैं और वहां कांग्रेस ने हाल ही में उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए एक छंटनी समिति बनाई है। प्रियंका भी संभावित उम्मीदवारों से बातचीत कर रही हैं। ऐसे में वे प्रदर्शन, आंदोलन में कितना समय दे पाएंगी, यह नहीं कहा जा सकता है। बहरहाल, यह दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी के लिए भी परीक्षा की तरह है। उन्हें अपनी संगठन क्षमता और लोकप्रियता दोनों साबित करनी है। अगर वे उन राज्यों में प्रदर्शन को सफल बनवाते हैं, जहां कांग्रेस ही मुख्य ताकत है और क्षेत्रीय दल नहीं हैं तो उनका कद बढ़ेगा। जहां क्षेत्रीय पार्टियां हैं, वहां भी कांग्रेस को ही जोर लगाना होगा क्योंकि प्रादेशिक पार्टियां प्रदर्शन को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखा रही हैं। महाराष्ट्र में शिव सेना के नेता फिर भाजपा से तार जोड़ने में लगे हैं तो पश्चिम बंगाल में ममता की पूरी पार्टी विधानसभा के उपचुनाव में उनको रिकार्ड वोट से जीत दिलाने के लिए प्रचार में लगी है।
कांग्रेस को अकेले ही प्रदर्शन करना होगा
और पढ़ें
-
चुनाव आयोग की तैयारियों की पोल खुली
चुनाव आयोग का मुख्य काम लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने का है। किसी भी राज्य में विधानसभा चुनाव...
-
चार जून और चार सौ पार का नारा
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती चार जून को क्यों तय की? पिछली बार यानी 2019...
-
लेफ्ट और कांग्रेस का विरोधाभास
देश में आमतौर पर गठबंधन बनाने का काम विपक्षी पार्टियों का होता है और माना जाता है कि सत्ता पक्ष...
-
तमिलनाडु के राज्यपाल का नया विवाद
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और राज्य की डीएमके सरकार का विवाद खत्म ही नहीं हो रहा है। लोकसभा चुनाव...