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विपक्षी राज्यों में करना चाहिए शिविर

ByNI Political,
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विपक्षी राज्यों में करना चाहिए शिविर
कांग्रेस पार्टी की यह बात भी समझ में नहीं आती है कि वह विपक्षी शासन वाले राज्यों में अपना अधिवेशन क्यों नहीं करती है या शिविर क्यों नहीं लगाती है? उसके शिविर या तो दिल्ली में होते हैं या अपने शासन वाले राज्यों में। उसका अधिवेशन भी या तो दिल्ली में होता है या अपने शासन वाले राज्यों में। यह ठीक है कि अपने शासन वाले राज्यों में शिविर लगाने पर सुविधाएं जुटाने में आसानी हो जाती है और कार्यक्रम भव्य हो जाता है। लेकिन कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी उन राज्यों में भी इस तरह के कार्यक्रम कर सकती है, जहां वह विपक्ष में है और पहले सरकार में रह चुकी है। लेकिन एकाध अपवादों को छोड़ कर कांग्रेस अपने शासन वाले राज्यों में ही अधिवेशन करती है। कांग्रेस ने दिल्ली के बुराड़ी में 2010 में बड़ा अधिवेशन किया था। तब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस ने 1998 में पचमढ़ी सम्मेलन किया तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और शिमला में 2003 में सम्मेलन हुआ तब वहां चुनाव होने वाले थे और कांग्रेस मजबूत विपक्षी पार्टी थी, लेकिन भाजपा की सरकार भी कांग्रेस के ही नेता सुखराम की हिमाचल विकास कांग्रेस की मदद से बनी थी। बहरहाल, 2013 में जयपुर में चिंतन शिविर हुआ तब भी वहां कांग्रेस की सरकार थी। अब फिर जयपुर में शिविर तभी लगा है, जब अपनी सरकार है। बीच में कांग्रेस ने सिर्फ एक अधिवेशन दिल्ली में किया, जहां उसकी सरकार नहीं थी। इसके उलट भाजपा अलग अलग राज्यों में अधिवेशन करती रहती है। अब भी वह कांग्रेस के शासन वाले राजस्थान में इसी महीने मंथन करने वाली है।
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