रियल पालिटिक्स

कांग्रेस के दोहरी जिम्मेदारी वाले नेता

ByNI Political,
Share
कांग्रेस के दोहरी जिम्मेदारी वाले नेता
कांग्रेस पार्टी में कोई भी फैसला आसानी से नहीं होता है। हर छोटे-बड़े फैसले में बहुत समय लगता है। ऐसा नहीं है कि किसी रणनीति के तहत फैसला टलता है या फैसले में देरी होती है। इसका कारण अनिर्णय की स्थिति है। पार्टी के शीर्ष नेता हमेशा अनिर्णय की स्थिति में होते हैं या उनके पास गंभीरता और विस्तार से विचार करके कोई फैसला करने का समय नहीं होता है। पार्टी के अंदर प्रभारियों वाला तंत्र इतना मजबूत है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व वहीं सोचता और करता है,  जो प्रभारी कहता या, जिसमें प्रभारी का स्वार्थ होता है। यहीं कारण है कि कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति का मामला अटका हुआ है। अब खबर है कि कांग्रेस पार्टी तीन राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति करेगी। हालांकि वह भी एक साथ नियुक्ति होने की संभावना कम ही है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के समर्थन वाली महाविकास अघाड़ी सरकार बने एक साल हो गए हैं। सरकार बनने के तुरंत बाद कहा गया था कि बाला साहेब थोराट की जगह नया अध्यक्ष बनेगा क्योंकि वे राज्य सरकार में राजस्व मंत्री बन गए हैं। तब से नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जद्दोजहद चल रही है। अब कहा जा रहा है थोराट प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे और उनकी जगह नया अध्यक्ष बनेगा। इसी तरह झारखंड में पिछले महीने सरकार बने एक साल हो गए। एक साल से यह चर्चा है कि राज्य सरकार में मंत्री बन गए रामेश्वर उरांव की जगह नया अध्यक्ष बनेगा। कहा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में पार्टी नया अध्यक्ष बनाएगी। मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने एक साल से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों की जिम्मेदारी निभाई और अब भी नेता विपक्ष व प्रदेश अध्यक्ष दोनों हैं। पता नहीं कब तक वे यह दोहरी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। राजस्थान में भी सचिन पायलट एक साल से ज्यादा समय तक उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों की जिम्मेदारी निभाते रहे। वह तो उनकी महत्वाकांक्षी जग गई, जिसकी वजह से दोनों पद गंवाने पड़े।
Published

और पढ़ें