कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले दिनों एक चिट्ठी लिखी। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद से यह उनकी चौथी चिट्ठी थी। इसमें उन्होंने सरकार से लघु व मझोले उद्योगों को राहत देने की अपील की। उन्होंने एमएसएमई सेक्टर के लिए एक लाख करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की है। सोनिया गांधी चाहती हैं कि सरकार इस सेक्टर के लिए सस्ते कर्ज की भी व्यवस्था करे। भाजपा के नेता और जानकार अर्थशास्त्री सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी ट्विट करके कहा है कि इस सेक्टर को सस्ते कर्ज की जरूरत है। इस बीच यह खबर है कि सरकार एमएसएमई सेक्टर के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने जा रही है। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस पार्टी के नेता इसका श्रेय निश्चित रूप से सोनिया गांधी को देंगे।
जैसे पिछले दिनों भारत सरकार ने प्रत्यक्ष विदेश निवेश, एफडीआई के बारे में किए गए फैसले का श्रेय राहुल गांधी को दिया। असल में राहुल गांधी ने 12 अप्रैल को एक ट्विट किया था, जिसमें उन्होंने यह आशंका जताई थी कि चीन इस संकट का फायदा उठा कर भारत में निवेश बढ़ा सकता है। उन्होंने सरकार से इस पर नजर रखने की अपील की थी। इसके तीन-चार दिन के बाद सरकार ने फैसला किया कि पड़ोसी देशों से आने वाले हर निवेश के लिए पहले केंद्र की मंजूरी लेनी होगी। जैसे ही सरकार का यह फैसला आया वैसे ही राहुल गांधी ने ट्विट करके केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया और आभार जताया कि उसने उनकी बात मान ली।
इसी तरह उत्तर प्रदेश की सरकार देश के अलग अलग हिस्सों में फंसे राज्य के मजदूरों को निकाल रही है। इसका श्रेय कांग्रेस पार्टी के नेता पार्टी की महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को दे रहे हैं। असल में प्रियंका ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चिट्ठी लिख कर इसकी मांग की थी। प्रियंका ने कोटा में फंसे छात्रों को निकालने के लिए योगी की तारीफ भी की थी और मजदूरों के साथ भी ऐसे ही बरताव की मांग की थी।