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कोरोना में क्या बैलेट से हो चुनाव?

ByNI Political,
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कोरोना में क्या बैलेट से हो चुनाव?
कोरोना वायरस का संक्रमण चाहे जितना बढ़े, ऐसा लग रहा है कि चुनाव आयोग राज्यों में लंबित चुनाव समय पर कराने की सोच रहा है। इस समय मध्य प्रदेश में विधानसभा की 26 सीटें खाली हैं, जिन पर उपचुनाव होना है। बिहार में स्नात्तक निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव लंबित हैं। इन क्षेत्र के विधान पार्षदों की सदस्यता की अवधि मई में ही पूरी हो चुकी है। इसके बाद अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। मध्य प्रदेश और बिहार दोनों राज्यों में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। तभी चुनाव को लेकर संशय बना हुआ है। हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त ने मध्य प्रदेश की 26 सीटों के उपचुनाव को लेकर पिछले दिनों एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि सितंबर के अंत तक चुनाव करा लिए जाएंगे। उन्होंने संवैधानिक बाध्यता बताते हुए यह बात कही। हालांकि संवैधानिक बाध्यता के बावजूद चुनाव नहीं भी कराए जा सकते हैं पर चूंकि मुख्य चुनाव आयुक्त ने खुद यह बात कही है इसलिए माना जा रहा है कि विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर छह महीने की अवधि पूरी होने से पहले चुनाव हो जाएगा। तभी सवाल है कि यह चुनाव कैसे होगा? कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लागू दिशा-निर्देशों के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी होगी और साथ ही ऐसे उपाय भी करने होंगे, जिससे संक्रमण न फैले। सो, एक सुझाव यह है कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं। ध्यान रहे धातु या प्लास्टिक पर वायरस ज्यादा समय टिकता है और उससे संक्रमण ज्यादा फैलता है। तभी लिफ्ट में बटन दबाने को लेकर पहले दिन से सुझाव दिए जा रहे हैं कि लोग हाथ से बटन नहीं दबाएं। यह बात ईवीएम के बारे में भी कही जा सकती है। हालांकि यह उपाय भी संभव है कि ईवीएम के पास बटन दबाने के लिए कोई डिस्पोजेबल सामान रखा जाए। पर उसके बावजूद किसी संक्रमित व्यक्ति के ईवीएम या उसके साथ लगी वीवीपैट मशीन छून से संक्रमण का खतरा ज्यादा है। अगर बैलेट पेपर से चुनाव होता है तो यह खतरा काफी कम हो सकता है। मध्य प्रदेश की कांग्रेस ईकाई ने बैलेट से उपचुनाव कराने की मांग की है। चुनाव आयोग को इस पर विचार करना चाहिए। उसने जैसे बिहार में चुनावों के लिए 34 हजार से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बनाने की बात कही है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके तो वह ईवीएम की बजाय बैलेट से चुनाव कराने के बारे में भी सोच सकती है। इसे नियम नहीं बनाया जाए पर अपवाद के तौर पर ऐसा किया जा सकता है।
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