राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

कोरोना की पाबंदियां सिर्फ संसद में!

कोरोना वायरस की महामारी लगभग समाप्त हो गई है। देश में कहीं भी इसे लेकर कोई पाबंदी नहीं है। ट्रेन से लेकर हवाईजहाज तक सब पूरी क्षमता से चल रहे हैं। स्कूल, कॉलेज से लेकर सरकारी दफ्तर तक सब जगह पाबंदी हटा दी गई है। लेकिन देश की संसद एकमात्र ऐसी जगह है, जहां कोरोना के समय की पाबंदियां अभी तक लागू हैं। कई सांसदों ने इसकी शिकायत की है लेकिन उनकी शिकायत के आधार पर कम से कम इस सत्र में कोई सुधार होने की संभावना नहीं दिख रही है। सांसदों ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि लोगों की संख्या नियंत्रित करने के नाम पर उनके निजी स्टाफ को संसद में आने से रोका जा रहा है।

सांसदों का कहना है कि संसद की दर्शक दीर्घा पूरी तरह से खोल दी गई है। हर दिन की कार्यवाही में दर्शक दीर्घा पूरी तरह से भरी रह रही है। लेकिन सांसदों के सहायकों को रोका जा रहा है। इसी तरह की शिकायत पत्रकारों की भी है। कोरोना के समय पत्रकारों की संख्या सीमित की गई थी। वह व्यवस्था आज तक चल रही है। अब भी लॉटरी के जरिए पत्रकारों के नाम निकाले जाते हैं और चुनिंदा पत्रकारों को ही संसद में जाने की अनुमति होती है। उम्मीद की जा रही है कि नए संसद भवन का उद्घाटन होने और वहां कार्यवाही शुरू होने के बाद शायद ये पाबंदियां हटें।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *