भारत में नेताओं का मूल मंत्र है कि प्राण जाए पर राजनीति न छूटे। चाहे कुछ भी हो जाए राजनीति नहीं रूकनी चाहिए। तभी कोरोना वायरस के संकट, आर्थिक संकट, बाढ़ के प्रकोप के बीच भी राजनीति जारी है। बिहार में तो अगले दो-तीन महीने में चुनाव होने वाले हैं इसलिए वहां की पार्टियों की राजनीतिक बेचैनी समझ में आती है पर दिल्ली में तो अभी नगर निगम का चुनाव भी दो साल बाद होने हैं पर दो साल पहले ही दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी राजनीति में जुट गए हैं। दोनों ने 2022 में होने वाले नगर निगम चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं।
कोरोना वायरस के संकट के बीच पहले भारतीय जनता पार्टी ने कोई 20 नेताओं की एक कमेटी का ऐलान किया। आधिकारिक रूप से बताया गया कि यह कमेटी 2022 में होने वाले नगर निगम चुनाव की तैयारी करेगी। इसके अगले ही दिन आम आदमी पार्टी ने निगम चुनाव के लिए लोकसभा सीटों के हिसाब से प्रभारी नियुक्त कर दिए। हर लोकसभा सीट का प्रभारी उसके तहत आने वाली नगर निगम की सीटों के लिए तैयारी करेगा। ध्यान रहे दिल्ली के तीनों नगर निगमों में भाजपा का कब्जा है। वह किसी तरह से इसे बचाए रखना चाह रही है पर इस बार आम आदमी पार्टी से उसे पिछली बार से ज्यादा कड़ी टक्कर मिलने का अनुमान है।
राजनीति नहीं रूकनी चाहिए
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