भारतीय रिजर्व बैंक ने एक और पैकेज का ऐलान किया है। पहले पैकेज से क्या फायदा हुआ इसका कहीं कोई आकलन पढ़ने को नहीं मिला है। पहले पैकेज में आरबीआई ने रेपो रेट एक बार में 0।75 फीसदी कम किए थे पर उसके क्या फायदा हुआ यह किसी को पता नहीं है। लोगों ने कितना कर्ज ले लिया, यह आंकड़ा भी नहीं आया है। उलटे यह खबर आई है कि बैंकों ने पैसा रिजर्व बैंक में जमा कर रखा है और कर्ज देने की दरों में भारी गिरावट आई हुई है। हां, रेपो रेट कम करने का नुकसान यह हुआ कि जिन लोगों का पैसा बैंकों में जमा है उन पर मिलने वाला ब्याज बहुत कम हो गया या नहीं के बराबर हो गया।
बहरहाल, अब आरबीआई का दूसरा पैकेज आ गया है। इसमें भी आसानी से कर्ज लेने के उपाय किए गए हैं। आम लोगों को आसानी से कर्ज मिले, राज्य आसानी से कर्ज ले सकें, कर्ज देने के लिए नकदी उपलब्ध करे, आदि-आदि उपाय हुए हैं। उपायों की घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री सबने जम कर तारीफ की। वाह, क्या उपाय हुआ है। अब सवाल है कि इस समय जब पूरा देश लॉकडाउन में है तो कर्ज कौन ले रहा है? और अगर ले भी लिया तो वह उसे चुकाएगा कैसे? ध्यान रहे न तो पहले पैकेज में कर्ज के ब्याज पर किसी को राहत मिली है और न दूसरे पैकेज में। यानी कर्ज लिया है तो मय ब्याज उसे चुकाना ही होगा। लेकिन यह कोई नही बता रहा है कि कहां से चुकाएंगे, कैसे चुकाएंगे, जब सब कुछ बंद है तो क्या करेंगे कि कर्ज चुकता होगा? तीन महीने तक किश्त वसूलने पर रोक है, लेकिन तीन महीने बाद चक्रवृद्धि ब्याज के साथ लोग कर्ज की किश्तें कैसे चुकाएंगे, इस बारे में कोई नहीं बता रहा है।
कर्ज तो ठीक है पर चुकाएंगे कैसे?
और पढ़ें
-
राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स को 12 रन से हराया
जयपुर। यहां के सवाई मानसिंह स्टेडियम में गुरुवार को खेले गए ईपीएल 2024 के मैच में युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal)...
-
घर का सोना नीलाम
छुड़ा पाने में नाकामी के कारण बड़ी संख्या में लोगों का कर्ज के लिए गिरवी रखा गया सोना अगर नीलाम...
-
केजरीवाल पर नेता चुनने का दबाव
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का राज चलाने के लिए नया...
-
अखिलेश व आजम का विवाद कितना सही
समाजवादी पार्टी में नए और पुराने नेताओं की बहस लगभग समाप्त हो गई है। पुराने नेताओं में अब सिर्फ आजम...