प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में एक अहम मुद्दा शराब की दुकानों को उठेगा। ध्यान रहे राज्यों को सबसे ज्यादा कमाई शराब की दुकानों से होता है। आबकारी शुल्क में सबसे ज्यादा कमाई होती है। जिन राज्यों में शराब की बहुत ज्यादा खपत है उनकी तो अर्थव्यवस्था लगभग पूरी तरह से इसी की कमाई पर निर्भर है। जैसे केरल की अर्थव्यवस्था शराब से मिलने वाले शुल्क और अपने कामगारों द्वारा विदेश से भेजे जाने वाले पैसे पर निर्भर है। इसी तरह पंजाब, दिल्ली और कई दूसरे राज्यों में भी उत्पाद शुल्क कमाई का सबसे बड़ा जरिया है। सारे राज्य कह रहे हैं कि उनका राजस्व काफी कम हो रहा है या खत्म हो गया।
सो, वे प्रधानमंत्री के साथ बैठक में शराब की दुकानें खुलवाने का मुद्दा उठाएंगे। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकार के राजस्व के खत्म होने का जिक्र करते हुए पैसे की चिंता जताई है। सो, संभव है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब की दुकानें खुलवाने की मांग करें। इसके बारे में कोई फार्मूला बनाया जा सकता है। इस समय गुजरात के बाद बिहार इकलौता राज्य है, जहां शराबबंदी लागू है। बाकी राज्यों में शराब की बिक्री राजस्व का सबसे बड़ा सोर्स है। इसलिए ज्यादातर राज्य इसकी मांग करेंगे। वैसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने दिशा-निर्देशों में बदलाव करते हुए कई तरह की गैर जरूरी सामानों की दुकानें खोलने का आदेश दिया है। उसी तरह एक आदेश शराब की दुकानों के बारे में भी आ सकता है।