रियल पालिटिक्स

डब्लुएचओ की भूमिका पर भी सवाल

ByNI Political,
Share
डब्लुएचओ की भूमिका पर भी सवाल
कोरोना वायरस के पूरी दुनिया में महामारी की तरह फैल जाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन और उसके प्रमुख टेड्रोस एडेनॉम गेबरेसियस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। पिछले दिनों जब भारत की पहल पर और सऊदी अरब के प्रिंस की अध्यक्षता में जी-20 देशों के प्रमुखों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से मीटिंग गई तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने डब्लुएचओ और इसके प्रमुख की खिंचाई की थी और उन पर आरोप लगाया था कि उनकी वजह से इस वायरस के विस्तार को समय रहते नहीं रोका जा सका। पर उसी मंच पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने डब्लुएचओ और टेड्रोस की जम कर तारीफ की। सोचें, डब्लुएचओ या टेड्रोस की भूमिका के बारे में तारीफ करने के लायक क्या है? टेड्रोस की कमान में डब्लुएचओ ने चीन में फैल रही महामारी के बारे में सूचनाएं छिपाईं या आधी अधूरी सूचना दुनिया को दी। चीन के वुहान में दिसंबर में संकट शुरू हो गया था पर जनवरी के मध्य तक इस जानकारी को पूरी तरह से लोगों के सामने नहीं आने दिया गया। जबकि डब्लुएचओ का काम यही है कि वह ऐसे किसी खतरे का आकलन करे और दुनिया के देशों को आगाह करे। पर वुहान में फैले कोरोना वायरस के मामले में उसने ऐसा नहीं किया। अगर उसने समय रहते दुनिया के देशों को इस बारे में जानकारी दी होती तो इस वायरस के संकट को इतना फैलने से रोका जा सकता था। बहरहाल, बाद में जब अमेरिका ने उस पर सवाल उठाए और ऐसा लगा कि भारत भी उस पर आरोप लगा सकता है तो टेड्रोस ने भारत की तारीफ शुरू कर दी। हालांकि भारत के लॉकडाउन के मॉडल को दुनिया के ज्यादातर जानकार पूरी तरह से सही नहीं मान रहे हैं पर टेड्रोस ने जम कर इसकी तारीफ की, जिसका एकमात्र मकसद यह था कि भारत भी अमेरिका के सुर में सुर मिला कर डब्लुएचओ की आलोचना न करे। इस बीच यह भी खबर है कि टेड्रोस के ऊपर इथियोपिया में स्वास्थ्य मंत्री कॉलेरा की महामारी के बारे में सूचना छिपाने का आरोप भी लगा है। कहा जा रहा है कि उन्होंने तीन बार इस बारे में सूचना छिपाई। बहरहाल, उनके अपने रिकार्ड के अलावा यह भी लग रहा है कि चीन इस समय संयुक्त राष्ट्र संघ और उसकी संस्थाओं को पूरी तरह से नियंत्रित कर रहा है।
Published

और पढ़ें