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कांग्रेस से नाराज सीपीआई

ByNI Political,
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कांग्रेस से नाराज सीपीआई
वैसे पिछले कुछ समय से कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ कांग्रेस के अच्छे ताल्लुक रहे हैं। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी मोर्चा मिल कर चुनाव लड़ चुके हैं। अब भी सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई के सबसे सक्रिय नेता डी राजा लगातार कांग्रेस के संपर्क में रहते हैं। इसके बावजूद सीपीआई ने कांग्रेस की वैचारिकता को लेकर उसके ऊपर तीखा हमला किया है और दूरी दिखाने की कोशिश की है। हालांकि यह तय नहीं है कि चुनावी राजनीति में इसका क्या मतलब होगा लेकिन सैद्धांतिक रूप से सीपीआई ने कांग्रेस से दूरी दिखाई है। ध्यान रहे इस साल अक्टूबर में सीपीआई की पार्टी कांग्रेस होनी है, जिसके लिए मसौदा दस्तावेज तैयार किया गया है। इसमें कांग्रेस के ऊपर निशाना साधा गया है। सीपीआई के मसौदा दस्तावेज में कहा गया है कि कांग्रेस की वैचारिक प्रतिबद्धता स्पष्ट नहीं है। इसमें यह भी कहा गया है कि विचारधारा के स्तर पर कांग्रेस में निरंतरता नहीं है। असल में लेफ्ट के कई नेता यह आरोप लगाते रहते हैं कि कांग्रेस ने भाजपा का जवाब देने के लिए नरम हिंदुत्व की नीति अपनाई है और धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा से समझौता किया है। बहस के स्तर पर पिछले कुछ समय से इसको लेकर चर्चा हो रही थी। असल में दोनों वामपंथी पार्टियां चाहती हैं कि कांग्रेस सेकुलर लाइन पर चले तभी आगे उसके साथ चुनावी तालमेल हो सकता है। ध्यान रहे अगले साल होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिल कर लड़ने की चर्चा है।
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