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प्रवासी मजदूर ज्यादा दूरदर्शी निकले

ByNI Political,
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प्रवासी मजदूर ज्यादा दूरदर्शी निकले
दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जिस दिन एक हफ्ते के लॉकडाउन का ऐलान किया उसी दिन दिल्ली से प्रवासी मजदूरों का पलायन चालू हो गया। जब मजदूरों के बड़ी संख्या में आनंद विहार रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनस पर बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की खबरें आईं  तो मुख्यमंत्री केजरीवाल और उप राज्यपाल अनिल बैजल ने उनसे अपील की। कहा कि वे दिल्ली छोड़ कर न जाएं। मुख्यमंत्री ने तो यह भी कहा कि ये छोटा लॉकडाउन है और मजदूरों को दिल्ली छोड़ने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। उधर देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में पहले से प्रवासी मजदूरों का पलायन चल रहा था क्योंकि वहां तेजी से केसेज बढ़ रहे थे। वहां भी 15 दिन के लिए लॉकडाउन लगाया गया तो उससे पहले मजदूरों को नकद पैसे देने की घोषणा भी हुई पर मजदूरों का पलायन नहीं रूका। असल में पिछली बार के अनुभव से मजदूरों ने सबक लिया है। भले सरकारों ने सबक नहीं लिया और न दूरदर्शिता दिखाई लेकिन मजदूरों ने सबक भी लिया और दूरदर्शी भी निकले। मजदूरों ने सरकारों के वादे पर भरोसा नहीं किया और पलायन जारी रखा और उनकी आशंका सही साबित हो गई। छोटा लॉकडाउन फिर बढ़ा दिया गया। दिल्ली में एक हफ्ते के लॉकडाउन को एक हफ्ते बढ़ा दिया गया है और कोई यकीन के साथ नहीं कह सकता है कि तीन मई के बाद इसे फिर नहीं बढ़ाया जाएगा। इसी तरह मध्य प्रदेश के सारे शहरों में लॉकडाउन आगे बढ़ाया गया है। महाराष्ट्र में भी लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा या सख्त पाबंदियां जारी रहेंगी। मजदूरों ने सरकारों के मुकाबले बेहतर ढंग से इस बात को समझा है कि कोरोना से इतनी जल्दी मुक्ति नहीं मिलनी है और न इतनी जल्दी उनको अपना रोजगार, काम-धंधा वापस मिलना है। इसलिए उन्होंने अपने मन की बात सुनी और दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से पलायन कर गए।
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