तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी पार्टियों की एकता का एक मॉडल पेश किया है। उन्होंने अंग्रेजी के एक अखबार में लेख कर लिख कर बताया है कि एक चेहरा घोषित करने की बजाय विपक्ष को अलग अलग राज्य में अलग अलग चेहरों के साथ चुनाव लड़ना चाहिए। वे चाहते हैं कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु में एमके स्टालिन जैसे चेहरे भाजपा का मुकाबला करें। उन्होंने अपनी नेता ममता बनर्जी का नाम नहीं लिया। डेरेक ओ ब्रायन के हिसाब से कांग्रेस को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक आदि राज्यों पर फोकस करना चाहिए, जिन राज्यों में उसका सीधा मुकाबला भाजपा के साथ है।
उन्होंने कहा नहीं लेकिन लब्बोलुआब यह था कि अगर एक चेहरा पेश किया जाता है तो वह प्रभावी तरीके से नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर पाएगा। डेरेक ओ ब्रायन ने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया लेकिन इशारा उनकी ओर ही था। वे कहना यही चाह रहे थे कि कांग्रेस अपना नेता अखिल भारतीय स्तर पर पेश करने से बचे। कुल मिला कर विपक्षी एकता का उनका सुझाया मॉडल कारगर दिख रहा है। उन्होंने बिहार के जदयू नेताओं की ओर से किए गए दावे को एक तरह से दोहराते हुए कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार और पश्चिम बंगाल के दम पर ही अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा का बहुमत कम किया जा सकता है। इन राज्यों में इतनी सीटें भाजपा हार सकती है कि वह ढाई सौ या उससे भी नीचे आ जाए। भाजपा को इससे नीचे लाना तभी संभव हो पाएगा, जब कांग्रेस अपने असर वाले राज्यों में सफल हो।