उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक नतीजे आए हैं। तीन दशक से ज्यादा समय के बाद पहली बार किसी पार्टी की लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी हुई है तो आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री ने पांच साल कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार जीत हासिल की। इस बार का उत्तर प्रदेश चुनाव इस मायने में भी ऐतिहासिक रहा कि पहली बार इस तरह का आमने-सामने का मुकाबला हुआ और 95 फीसदी से ज्यादा सीटें सिर्फ दो पार्टियों के बीच बंटी। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। वोट प्रतिशत जरूर कुछ पार्टियों के बीच बंटा है लेकिन सीटें सिर्फ भाजपा और सपा को मिली हैं। Direct fight BJP SP
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भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोट प्रतिशत में इजाफा किया तो सपा के वोट प्रतिशत में करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। अब तक उसे सबसे ज्यादा 28 फीसदी वोट मिले थे लेकिन इस बार 35 फीसदी के करीब वोट मिले। बहुजन समाज पार्टी 13-14 फीसदी वोट के सम्मानजनक स्तर पर रह गई। लेकिन सीटों के मामले में यह वोट प्रतिशत काम नहीं कर सका। राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से लगभग 96-97 फीसदी सीटें भाजपा और सपा गठबंधन के बीच बंटी हैं। बाकी तीन-चार फीसदी सीटें बसपा, कांग्रेस, एमआईएम, जदयू, वीआईपी जैसी दर्जनों पार्टियों के बीच बंटी हैं।
भाजपा और सपा में सीधी लड़ाई
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