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सदन की गरिमा का दोहरा मानदंड

ByNI Political,
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सदन की गरिमा का दोहरा मानदंड
पिछले दिनों बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सरकार के लाए पुलिस बिल का विरोध करते हुए मुख्य विपक्षी राजद के विधायकों ने स्पीकर के चेंबर का घेराव किया। वहां से विधायकों को हटाने के लिए भाजपा के विधायक और विधानसभा के स्पीकर ने मार्शल के साथ साथ रैपिड एक्शन फोर्स बुलव ली और विधायकों की जम कर पिटाई कराई। बाद में भाजपा ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि सदन और स्पीकर की गरिमा बचाने के लिए ऐसा किया गया। लेकिन दूसरी ओर भाजपा के विधायकों ने ओड़िशा में स्पीकर के ऊपर जूते, चप्पल फेंक कर उनकी गरिमा को तार-तार कर दिया। पिछले दिनों राज्य सरकार ने सदन में लोकायुक्त बिल पेश किया था, जिसे आनन-फानन में पास कराया जा रहा था, जैसे भाजपा की सरकार संसद में करती है। लेकिन ओड़िशा विधानसभा में भाजपा के विधायक भड़क गए और उन्होंने स्पीकर के ऊपर हमला कर दिया। स्पीकर सूरज नारायण पात्रों आसन पर बैठे रहे और भाजपा के विधायकों ने उनके ऊपर जूते-चप्पल फेंके। ईयरफोन निकाल कर आसन के ऊपर फेंका। इतने से मन नहीं भरा तो सदन में रखा गया डस्टबिन भी उठा कर स्पीकर के ऊपर फेंक दिया। बाद में स्पीकर सूरज नारायण पात्रों ने भाजपा के तीन विधायकों जय नारायण मिश्रा, मोहन मांझी और बिष्णु सेठी को निलंबित किया। स्पीकर के इस कदम की आलोचना करते हुए भाजपा का कहना है कि स्पीकर ने ही उनको उकसाया था।
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