अभी तय नहीं है कि भारत जोड़ो यात्रा के बीच में राहुल गांधी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे या नहीं। कहा जा रहा है कि राहुल जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष के शपथ समारोह में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए थे उसी तरह से यात्रा रोक कर वे गुजरात के दौरे पर जा सकते हैं और चुनावी रैली कर सकते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि जिस दिन यात्रा में साप्ताहिक विश्राम होता है उस दिन भी वे रैली करने जा सकते हैं। लेकिन यह लगभग तय लग रहा है कि वे हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली करने नहीं जाएंगे। हिमाचल में अब पांच ही दिन चुनाव प्रचार होना है और अभी तक उनकी कोई रैली तय नहीं हुई है।
हिमाचल प्रदेश में राहुल की बजाय प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव प्रचार की कमान संभाल रही हैं। चुनाव की घोषणा से पहले 14 अक्टूबर को उन्होंने रैली की थी और उसके बाद दो रैलियां वे कर चुकी हैं। अगले पांच दिन में उनकी दो या तीन रैली और होनी है। एक तरह से इस बार हिमाचल प्रदेश का चुनाव कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी वाड्रा की कमान में लड़ रही है। प्रियंका इससे पहले कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ाती रही हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के अमेठी में हारने और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सिर्फ दो सीटों पर सिमटने के बाद उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में प्रियंका गांधी अपना खोया हुआ करिश्मा वापस हासिल कर सकती हैं। ध्यान रहे प्रियंका ने हिमाचल के छरबड़ा में अपना घर बनाया है और पिछले महीने सोनिया गांधी वहां जाकर रूकी थीं। हिमाचल प्रदेश में सचमुच कांग्रेस के लिए संभावना दिख रही है। प्रतिबद्ध मीडिया भी वहां कांटे की टक्कर दिखा रहा है। इसका मतलब है कि कांग्रेस वहां बेहतर स्थिति में है। तभी सवाल है कि अगर राहुल गांधी की गैरहाजिरी में और प्रियंका की कमान में कांग्रेस जीतती है तो क्या होगा?
ध्यान रहे भारतीय जनता पार्टी राहुल को नीचा दिखाने के लिए कहती है कि भाजपा के असली प्रचारक राहुल हैं क्योंकि वे जहां भी प्रचार के लिए जाते हैं वहां कांग्रेस हारती है। राहुल के कांग्रेस उपाध्यक्ष और फिर अध्यक्ष बनने और इस्तीफा देने की पिछली नौ साल की अवधि में हिमाचल संभवतः पहला चुनाव होगा, जहां वे प्रचार के लिए नहीं जाएंगे। अगर वहां कांग्रेस जीतती है तो यह बात पार्टी में भी उठेगी कि राहुल के नहीं होने से कांग्रेस को फायदा हुआ है। दोनों भाई-बहन यानी राहुल व प्रियंका में आंतरिक विवाद होने की बात को भाजपा भी हवा दे रही है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल टुकड़े टुकड़े गैंग के साथ यात्रा कर रहे हैं और इसलिए प्रियंका उनके साथ यात्रा में नहीं शामिल हुई हैं या राहुल अपनी बहन को भूल गए। उन्होंने आगे यह सवाल भी उठाया कि क्या दोनों भाई-बहन में सब कुछ ठीक है? उनके कहने का एक मतलब यह भी निकाला जा सकता है कि राहुल देशद्रोहियों के साथ हैं और प्रियंका देशभक्त हैं! बहरहाल, जो हो हिमाचल के नतीजों के बाद कांग्रेस की राजनीति दिलचस्प हो सकती है।