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कांग्रेस को सबसे बड़ी निराशा

ByNI Political,
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कांग्रेस को सबसे बड़ी निराशा
कांग्रेस पार्टी के लिए मतगणना का दिन बड़ी निराशा वाला रहा। कांग्रेस को ऐसा लग रहा था कि वह बिहार से लेकर मध्य प्रदेश तक कुछ अच्छा करेगी। पर बिहार में भी वह अपनी जीती हुई सीटों पर हार गई और मध्य प्रदेश में भी आम चुनाव में जीती अपनी सीटें उपचुनाव में गंवा दी। कांग्रेस के लिए कहीं से भी अच्छी खबर नहीं आई है। बिहार में पिछली बार जदयू और राजद के साथ चुनाव लड़ कर भाजपा ने 27 सीटें जीती थीं। इस बार उसकी संख्या घट कर 20 पर आ गई है। पिछली बार कांग्रेस 43 सीटों पर लड़ी थी और 27 जीती थी। इस बार 70 सीटों पर लड़ कर भी वह पुराना प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई। उसका वोट प्रतिशत भी नौ फीसदी से थोड़ा ज्यादा रहा। कांग्रेस पार्टी ने प्रभारी महासचिव शक्ति सिंह गोहिल के साथ साथ महासचिव रणदीप सुरजेवाला, अविनाश पांडे और पवन खेड़ा को भी बिहार में बैठा रहा था पर उसका कोई फायदा नहीं हुआ। इसी तरह से कांग्रेस को मध्य प्रदेश में उम्मीद थी कि वह भाजपा को झटका दे सकती है। राज्य की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह आधी से ज्यादा सीटें जीत सकती है। लेकिन वहां भी उसकी उम्मीदें नाकाम रहीं। गुजरात में तो कांग्रेस आठ में से चार-पांच सीटें जीतने की उम्मीद कर रही थी। हार्दिक पटेल ने पांच से ज्यादा सीट जीतने का भी दावा किया था। लेकिन वहां उसे एक भी सीट नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश की सात में से छह सीटों पर कांग्रेस लड़ी और कहीं भी तीसरे स्थान से ऊपर नहीं पहुंच सकी। मणिपुर में कांग्रेस को कुछ उम्मीद थी पर वहां भी पांच में से चार सीटें भाजपा को और एक निर्दलीय के खाते में गई है। कांग्रेस को ले देकर एक एक सीट का सांत्वना पुरस्कार हरियाणा, छत्तीसगढ़ और झारखंड से मिला है। 11 राज्यों की कुल 56 सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिनमें से कांग्रेस सिर्फ तीन सीट जीत पाई है।
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