कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बड़ी हार से स्वागत हुआ है। यह संयोग है कि ठीक पांच साल पहले राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे और उनका भी स्वागत हार से हुआ था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने गुजरात में भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्कर दी थी। कांग्रेस को 42 फीसदी वोट मिला था और 77 सीटें मिली थीं। भाजपा और कांग्रेस के बीच सात फीसदी वोट का अंतर था लेकिन सीटों के मामले में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने हार कर सत्ता गवां दी थी। सो, दोनों राज्यों में कांग्रेस हारी थी और हार से राहुल की पारी शुरू हुई थी।
ठीक पांच साल बाद खड़गे अध्यक्ष बने हैं और दो चुनावों की हार और जीत से उनका स्वागत हुआ है। दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस पार्टी इस बुरी तरह से हारी कि उसका वोट पिछले एमसीडी चुनाव के मुकाबले घट कर आधा रह गया और सीटों की संख्या 30 से घट कर नौ रह गई। इसी तरह गुजरात में कांग्रेस इतनी सीटें भी नहीं जीत पाई कि उसे मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिल पाए। उसे सिर्फ 27 फीसदी वोट और 16 सीटें मिली हैं। पिछली बार के मुकाबले उसने 61 सीटें गंवा दी हैं। सांत्वना के तौर पर हिमाचल प्रदेश में इस बार कांग्रेस जीती है। वहां हर पांच साल पर राज बदलने का रिवाज कायम रहा। कांग्रेस ने बहुमत के लिए जरूरी 35 से दो सीट ज्यादा जीती है।