प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में सोमवार को गजब का आयोजन हुआ। मोदी लगभग पूरे दिन अपने क्षेत्र में रहे और इस दौरान उन्होंने एक हाईवे का उद्घाटन किया और काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। लेकिन असली आयोजन उसके बाद देव दीपावली का हुआ है। बड़ी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की मदद से और भारी तामझाम के साथ यह आयोजन हुआ। खबर है कि देश की सबसे नामी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी विजक्राफ्ट को इस आयोजन का ठेका दिया गया था। उसके साथ साथ यूपी टूरिज्म बोर्ड को भी इस आयोजन में शामिल किया गया था। खुद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी सारी तैयारियों पर नजर रखे हुए थे।
प्रधानमंत्री के साथ इस आयोजन में मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर मनाई जाने वाली देव दीपावली के इस आयोजन पर कितना खर्च हुआ, इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा रहा है। पर आयोजन की भव्यता में कोई कमी नहीं रखी गई थी। प्रधानमंत्री में क्रूज में बैठ कर गंगा की सैर की और पूरी गंगा नदी के किनारे 15 लाख दीये सजाए गए थे। बिजली, बत्ती की सजावट अपनी जगह थी और संगीत अपनी जगह था। कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार ने अयोध्या में दीपावली मनाई थी और उसमें भी लाखों दीये जलाए गए थे। यह परंपरा भी दो साल पहले शुरू हुई है।
अब सवाल है कि कोरोना वायरस की इस महामारी के बीच देश की सबसे बड़ी और महंगी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की मदद से इतना बड़ा आयोजन करने की क्या जरूरत थी? चारों तरफ सादगी का प्रचार किया जा रहा है। लोगों से निजी समारोहों में कम लोग बुलाने की अपील की जा रही है। खर्च में कटौती हो रही है। तमाम जरूरी परियोजनाओं में पैसे काट दिए गए हैं। पिछले ही हफ्ते भारत सरकार का आंकड़ा आया कि उसने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जरूरी योजनाओं पर खर्च में 22 फीसदी से ज्यादा की कटौती कर दी है। हैरानी की बात है कि पहली तिमाही में जब चारों तरफ लॉकडाउन लगा था, तब यह कटौती 16 फीसदी थी।
इसका मतलब है कि चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्यों की सरकारें हों, सबके राजस्व घट रहे हैं और खजाना खाली हो रहा है। इसके बावजूद दिखावे के लिए इतना बड़ा खर्च समझ से परे है। एक तरफ कोरोना वायरस की महामारी फैली है, जिसके लिए वैक्सीन का पैसा कहां से आएगा, यह सरकार को विचार करना चाहिए। दूसरी ओर देश के किसान राष्ट्रीय राजधानी घेर कर बैठे हुए हैं और कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। तीसरी ओर अर्थव्यवस्था के बारे में सब मान रहे हैं कि वह तकनीकी रूप से मंदी की चपेट में पहुंच गई है क्योंकि लगातार दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में गिरावट हुई है। चौथी ओर चीन भारत की सीमा पर लगातार नए निर्माण करके अपने को मजबूत बना रहा है और भारत सरकार इन बातों की बजाय इवेंट मैनेजमेंट कंपनी से आयोजन करा कर क्रूज की सैर कर रही है!