राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़े दो संगठनों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों का समर्थन किया है। पहले भारतीय किसान संघ ने समर्थन किया था और अब स्वदेशी जागरण मंच ने भी कर दिया है। लेकिन यह समर्थन सीमित है। किसानों की मांग तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की है। संघ से जुड़े संगठन इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसलों की खरीद के कानून को अनिवार्य करने की मांग का समर्थन किया है। वैसे भारत सरकार भी इस पर तैयार है।
स्वदेशी जागरण मंच के प्रमुख अश्विन महाजन ने लोकतंत्र और सुधारों को लेकर चल रही बहस में भी सार्थक हस्तक्षेप किया है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के बाद भाजपा के एक प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने पिछले दिनों कहा भारत में लोकतंत्र की वजह से सुधार बाधित हो रहे हैं। उनको नसीहत देते हुए स्वदेशी जागरण मंच के अश्विनी महाजन ने कहा कि भाजपा के नेताओं को इस तरह की बातों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ऐसा कहने वाले नेताओं की मंशा गलत नहीं हो पर आम लोगों के बीच इससे यह मैसेज जाता है कि भाजपा लोकतंत्र विरोधी है।
किसान आंदोलन को संघ का सीमित समर्थन
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