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प्रियंका के प्रचार का बदला सुर

five state assembly election

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चौथे चरण के चुनाव के बाद प्रचार का तरीका, सुर और कंटेंट सब बदल दिया है। यह बहुत दिलचस्प बदलाव है। एक तरफ जहां भाजपा का प्रचार ज्यादा से ज्यादा सांप्रदायिक होता जा रहा है और समाजवादी पार्टी का प्रचार पूरी तरह से इस बात पर फोकस हो गया है कि सरकार बनी तो क्या क्या देंगे वहीं कांग्रेस और खास कर प्रियंका का प्रचार इस बात पर केंद्रित हो गया है कि गैर कांग्रेस सरकारों ने राज्य को बरबाद किया है और इसमें जनता की भी भागीदारी है। five state assembly election

हाल के दिनों में यह पहला मौका है, जब कोई नेता इस तरह से जनता को कठघरे में खड़ा कर रहा है और उसे ही उसकी समस्याओं को लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। सोचें, एक तरफ वो पार्टियां हैं, जो मतदाता को माई-बाप या मतदाता मालिक बता कर वोट मांग रही हैं, जिनके नेता मंच पर कान पकड़ कर उठक-बैठक कर रहे हैं, जिनके उम्मीदवारों को मतदाता दौड़ा रहे हैं और दूसरी ओर एक नेता है, जो कह रही है कि लोगों ने अपनी सारी मुसीबत को आमंत्रित किया है और वे खुद इसके लिए जिम्मेदार है।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कई जगह चुनावी सभाओं में इस सुर में भाषण दिया है। ध्यान रहे कांग्रेस 1989 में उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर हुई थी और उसके बाद 32 साल में भाजपा, सपा और बसपा की सरकारें रही हैं। इन तीनों पार्टियों को निशाना बनाते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा लोगों से कह रही हैं कि ‘मैं आपसे भी नाराज हूं’, ‘मुझे आपसे भी शिकायत है’। प्रियंका लोगों को उनकी दुश्वारियों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहती हैं कि ‘आपने जाति और धर्म के आधार पर वोट किया’ और इसलिए पार्टियों ने आपको जाति और धर्म के खेल में उलझाए रखा।

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क्या कोई और ऐसा नेता ध्यान आ रहा है, जो इस तरह से जनता को चुनौती दे? यह भी सोचें कि इन वाक्यों में कितना अपनापन है! वे 32 साल पहले के कांग्रेस राज की याद दिला कर राज्य के मतदाताओं से अपना कनेक्ट कर रही हैं। वे बता रही हैं कि कांग्रेस और गांधी परिवार राज्य के लोगों को अपना मानता है। प्रियंका एक झटके में कांग्रेस को उन तमाम आरोपों से मुक्त कर रही हें, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरी भारतीय जनता पार्टी उनकी पार्टी और परिवार पर लगाते रहे हैं। वे कांग्रेस को जातिवाद और सांप्रदायिक राजनीति से परे एक पार्टी बता रही हैं, जो लोगों के लिए काम करती थी। यूपी के प्रचार में जिस तरह से जाति और धर्म की बात हो रही है उसे देखते हुए प्रियंका की बात लोगों को अपील करे तो हैरानी नहीं होगी।  हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि कांग्रेस जीत जाएगी या उसका प्रदर्शन आश्चर्यजनक रूप से सुधर जाएगा। लेकिन यह जरूर है कि अगर मतदाताओं को लगातार यह बात समझाई जाए तो कांग्रेस के लिए जगह बन सकती है। five state assembly election

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