
कांग्रेस पार्टी के नेताओं का एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जो विधानसभा चुनाव के नतीजों से फोकस हटवाना चाहता है। राहुल गांधी की टीम के नेता ऐसा चाहते हैं कि चुनाव नतीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं रहे क्योंकि उनको लग रहा है कि कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं होने जा रहा है। केरल और असम में पार्टी को एक्जिट पोल के अनुमानों से धक्का लगा है। पार्टी का अपना आकलन भी है कि सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं आएगा। इसी तरह पश्चिम बंगाल पार्टी दहाई के आंकड़े में बड़ी मुश्किल से पहुंच पाएगी। तमिलनाडु में जरूर उसका प्रदर्शन अच्छा होगा पर वह अपनी वजह से नहीं, बल्कि डीएमके की वजह से होगा। तभी कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि नतीजों पर ज्याद चर्चा न हो, बल्कि मीडिया का भी सारा विमर्श कोरोना पर रहे।
तभी एक्जिट पोल के नतीजों के दिन कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने लाइव डिबेट में इस पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि देश में लोग मर रहे हैं और चैनलों पर एक्जिट पोल का जश्न मनाया जा रहा है। सबको पता है कि नतीजों पर जितनी ज्यादा चर्चा होगी, राहुल के नेतृत्व पर उतने सवाल उठेंगे। आखिर केरल से वे सांसद हैं और केरल व असम दोनों राज्यों में चुनाव की कमान पूरी तरह से उनके हाथ में थी। एलायंस से लेकर टिकट तय करने तक सारे काम उनकी टीम ने किए थे। इसलिए सारी जिम्मेदारी उनकी है। इसे लेकर सवाल उठे उससे पहले राहुल और उनकी पूरी टीम कोरोना वायरस की महामारी पर फोकस बनाए हुए है। नतीजों के दिन भी पार्टी नेता चाहेंगे कि जितनी जल्दी हो टीवी की बहसों से चुनाव नतीजे हट जाएं और कोरोना पर चर्चा शुरू हो जाए।