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श्रेय लेने के लिए जयशंकर की यात्रा!

ByNI Political,
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श्रेय लेने के लिए जयशंकर की यात्रा!
विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका जा रहे हैं। इस समय जब सारी दुनिया में आवाजाही बंद है और अभी हाल में वे जी-सात के विदेश मंत्रियों की बैठक में लंदन जाकर फंस चुके हैं, जहां उनको क्वरैंटाइन में रहना पड़ा था, फिर भी उनका अमेरिका जाना हैरान करने वाला है। बताया जा रहा है कि वे वैक्सीन डिप्लोमेसी के लिए अमेरिका जा रहे हैं। हालांकि यह भी छवि बचाने या यह दिखाने के लिए की जा रही कवायद है कि केंद्र सरकार ने पहल करके वैक्सीन का इंतजाम किया। सोचें, अमेरिका पहले ही कह चुका है कि जून में वह एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के अपने स्टॉक से छह करोड़ वैक्सीन दुनिया के देशों को देगा। वहां रह रहे भारतीय अमेरिकियों के दबाव में अमेरिका एक करोड़ डोज देने के लिए पहले से तैयार है। जब वह डोज अगले महीने आने ही वाली है फिर वहां जाकर विदेश मंत्री क्या बात करेंगे? यह भी कहा जा रहा है कि जयशंकर वैक्सीन बनाने वाली अमेरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे और भारत में वैक्सीन की आपूर्ति के बारे में बात करेंगे। अब सवाल है कि कंपनियों के पास वैक्सीन होगी तभी तो वे आपूर्ति करेंगे? विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्लुएचओ ने कहा है कि एमआरएनए तकनीक से वैक्सीन बना रही कंपनियों ने पहले ही करीब 270 करोड़ डोज का करार कर रखा है। अब इससे ज्यादा उत्पादन हो तभी वे नए ऑर्डर ले सकते हैं। दूसरे, अमेरिकी कंपनियों खास कर फाइजर और मॉडेर्ना की कई शर्तें भी हैं, जिनमें से एक यह है कि वे किसी साइड इफेक्ट की स्थिति में किसी तरह की कार्रवाई से बचने की गारंटी चाहते हैं। तीसरे, उनकी कीमत बहुत ज्यादा है। सो, कुल मिला कर अमेरिका यात्रा एक दिखावा लग रहा है। ध्यान रहे किसी कूटनीतिक दबाव में बाइडेन प्रशासन भी कंपनियों को वैक्सीन की आपूर्ति के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।
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