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क्या किसान आंदोलन बंट जाएगा?

ByNI Political,
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क्या किसान आंदोलन बंट जाएगा?
केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में 68 दिन से चल रहे आंदोलन का केंद्र पिछले हफ्ते शिफ्ट हो गया। पहले इस आंदोलन का अघोषित मुख्यालय सिंघू बॉर्डर पर था, जहां पंजाब और हरियाणा के किसान डेरा डाले हुए थे और जहां संयुक्त किसान मोर्चा और क्रांतिकारी किसान संगठन के लोग बैठते थे। लेकिन 26 जनवरी की घटना के दो दिन बाद इसका केंद्र शिफ्ट होकर गाजीपुर पहुंच गया। पहले गाजीपुर बॉर्डर को कमजोर माना जाता था और लग  रहा था कि पुलिस कार्रवाई करके सबसे पहले अगर आंदोलन खत्म करेगी तो वह गाजीपुर बॉर्डर पर करेगी। तभी 26 जनवरी की घटना के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किसानों को वापस लौटने या सिंघू बॉर्डर पर जाकर बैठने को कहा था। लेकिन उनके भाई राकेश टिकैत के आंसुओं और भावुक अपील ने खेल बदल दिया। राजनीतिक दलों ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई। सो, अब आंदोलन का केंद्र गाजीपुर है और सरकार के साथ वार्ता के प्रस्ताव और विवादित मुद्दों के समाधान पर अब दर्शनपाल या एमएस पंढेर या राजेवाल या सिरसा बयान नहीं दे रहे हैं, बल्कि टिकैत बंधु बयान दे रहे हैं। ध्यान रहे सिंघू, टिकरी और शाहजंहापुर-खेड़ा बॉर्डर पर बैठे किसानों ने कभी बीच के रास्ते की बात नहीं कही है। वे अब भी तीनों कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं। परंतु टिकैत बंधु बीच का रास्ता निकाल कर सरकार और किसान दोनों का सम्मान बचाते हुए समझौता करने की बात कर रहे हैं। इस मसले पर किसान संगठनों के अंदर टकराव बढ़ सकता है। ध्यान रहे 26 जनवरी को लाल किले पर निशान साहिब का झंडा फहराए जाने के बाद से ही सिख और जाट किसानों में अंदर अंदर तनाव बना है और तभी सिंघू बॉर्डर पर दोनों के बीच गलतफहमी दूर करने के लिए बैठक भी हुई। दूसरे, अब उत्तर प्रदेश और पंजाब-हरियाणा के किसान अलग अलग तरीके से बात कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान एमएसपी पर कानून लेकर आंदोलन खत्म करने की बात कर रहे हैं तो पंजाब और हरियाणा के किसान तीनों कानूनों को खत्म करने की मांग भी कर रहे हैं क्योंकि उनको मंडी सिस्टम खत्म होने की भी चिंता है और आवश्यक वस्तु कानून से भी चिंता है। अगर दो फरवरी की बैठक में जाने से पहले टिकैत बंधु और दूसरे किसान नेता इस पर एक राय नहीं बनाते हैं तो सरकार के सामने दोनों बंटे हुए दिखेंगे और इससे आंदोलन कमजोर होगा।
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