भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए मुफ्त में वैक्सीन लगाने का अभियान चलता रहेगा। केंद्र सरकार की ओर ने इस बात की तैयारी कर ली है कि दूसरे चरण में 50 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों और 50 साल से कम उम्र के बीमारी वाले लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई जाएगी। अब सिर्फ यह देखना है कि प्रधानमंत्री इसकी घोषणा कब करते हैं। वैसे भी जब वित्त मंत्री ने बजट में वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया तभी समझ में आ गया था कि सरकार दूसरे चरण में भी मुफ्त में वैक्सीन लगवाएगी।
एक तरफ मुफ्त में वैक्सीन लगाने की सरकार की तैयारी है और दूसरी ओर पहले चरण के वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार है। भारत में वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुए एक महीना हो गया है और इस एक महीने में 85 लाख के करीब लोगों को वैक्सीन लग पाई है। यानी हर दिन तीन लाख लोगों को भी वैक्सीन नहीं लगी है। इस रफ्तार से पहला चरण पूरा होने में ही बहुत समय लगेगा। शनिवार यानी 13 फरवरी को दूसरी डोज भी लगाई जाने लगी है, जिसके बाद वैक्सीनेशन की रफ्तार और कम होगी।
पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। उनमें से 40 फीसदी से ज्यादा लोग टीका लगवाने नहीं आ रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों को यहां तक चेतावनी दी गई है कि अगर वे टीका नहीं लगवाते हैं और उन्हें कोरोना होता है तो उन्हें उनकी सेवा शर्तों के मुताबिक कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसके बावजूद लोग रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे हैं। जाहिर है कि वैक्सीन में अब लोगों की रूचि नहीं रह गई है। इसके बावजूद सरकार निजी कंपनियों को वैक्सीनेशन नहीं शुरू करने दे रही है। सबको पता है कि अभी अगर खुले बाजार में वैक्सीन मिलने लगे और डॉक्टर उसका टीका लगाने लगें तब भी कोई मारामारी नहीं होनी है। मुफ्त की वैक्सीन का भी देश में कोई बहुत शोर नहीं होना है। फिर भी सरकार 27 करोड़ लोगों के लिए 54 करोड़ डोज खरीदेगी। उसके बाद भी मुफ्त का टीकाकरण जारी रहेगा। आम लोगों को इसका क्या लाभ होगा वह पता नहीं है पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को थोक सरकारी खरीद से बहुत फायदा होगा।
मुफ्त वैक्सीन लगाने का अभियान चलता रहेगा
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