इस साल 10 राज्यों के विधानसभा के चुनाव हैं और अगले साल लोकसभा के साथ तीन और राज्यों के चुनाव हैं। उसके बाद 2024 में ही तीन और बड़े राज्यों के चुनाव होंगे। इस तरह अभी से अगले साल के अंत तक लोकसभा और 16 राज्यों के चुनाव होने हैं। तभी ऐसा लग रहा है कि मुफ्त रेवड़ी वाली बातों का विरोध स्थगित है। पूर्वोत्तर के राज्यों में चुनाव प्रचार में उतरे प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को त्रिपुरा में दो चुनावी सभाओं को संबोधित किया। उससे पहले वे मुंबई में सभा करने गए थे और कर्नाटक में भी लगातार दो दौरे हुए हैं, जहां इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। लेकिन कहीं भी प्रधानमंत्री ने मुफ्त रेवड़ी वाली बात नहीं है। उलटे उनकी पार्टी की सरकारें और नेता मुफ्त रेवड़ी के जम कर वादे कर रहे हैं।
उत्तराखंड में चुनाव हुए और भाजपा की सरकार बने एक साल भी नहीं हुए हैं, वहां अभी कोई चुनाव नहीं है लेकिन राज्य सरकार ने मुफ्त रेवड़ी की बड़ी योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत राज्य में अंत्योदय यानी गरीब परिवार को हर साल तीन सिलिंडर मुफ्त मिलेंगे। यानी जिनको केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत जिन लोगों को मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर दिया हुआ है उनको हर साल तीन बार मुफ्त में रिफील कराया जाएगा। ध्यान रहे पिछले कुछ समय से यह रिपोर्ट आ रही थी कि मुफ्त गैस सिलिंडर तो दे दिया गया है लेकिन महंगाई की वजह से लोग उसे रिफील नहीं करा रहे हैं। तभी उत्तराखंड सरकार ने इस योजना का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने रविवार को इस योजना की शुरुआत की और इस मौके पर देश के सभी अखबारों में बड़े बड़े विज्ञापन छपे, जिसमें प्रमुखता से प्रधानमंत्री की फोटो थी। सोचें, ऐसे कैसे मुफ्त की रेवड़ी की संस्कृति समाप्त करने का प्रधानमंत्री का सपना पूरा होगा?