ओड़िशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरधर गमांग भारत राष्ट्र समिति में शामिल हो गए हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की मौजूदगी में गमांग का पूरा परिवार भाजपा छोड़ कर बीआरएस में शामिल हुआ। इससे पहले वे कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में गए थे। ध्यान रहे गमांग सांसद और राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं तो उनकी पत्नी हेमा गमांग भी सांसद रही हैं। सवाल है कि उनके बीआरएस में शामिल हो जाने से चंद्रशेखर राव की पार्टी को क्या फायदा होगा? हकीकत यह है कि बीआरएस को जमीनी राजनीति में इससे कोई फायदा नहीं होगा। लेकिन अपनी पार्टी को राष्ट्रीय बनाना चाह रहे चंद्रशेखर राव अपने राज्य में इस साल होने वाले चुनाव से पहले राज्य के मतदाताओं को यह मैसेज दे रहे हैं कि वे अखिल भारतीय नेता हो गए हैं और दूसरे राज्यों के बड़े बड़े नेता उनकी पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। इसमें वे कामयाब हो गए हैं।
सो, कहा जा रहा है कि वे देश के और राज्यों में भी इस तरह के नेता खोज रहे हैं। ऐसे नेता, जो अपने राज्य में भले अप्रसांगिक हो गए हों, लेकिन जिनका नाम हो और पहले किसी बड़े पद पर रहे हों। ऐसे थके हारे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करके वे तेलंगाना के मतदाताओं के बीच अपनी हवा बनाने में कामयाब हो जाएंगे। यही काम ममता बनर्जी भी कर रही हैं। तभी उन्होंने गोवा से लेकर असम, झारखंड, हरियाणा सहित कई राज्यों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया था। अब राव की बारी है। पिछले दिनों यह चर्चा भी हुई थी कि यशवंत सिन्हा उनकी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं। हर राज्य में कुछ न कुछ ऐसे नेता हैं, जिनका किसी समय बड़ा नाम रहा है पर आज राज्य की राजनीति में अप्रासंगिक हो गए हैं। चंद्रशेखर राव को ऐसे नेताओं की तलाश है।