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सब कछ गुजरात की ओर

ByNI Political,
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सब कछ गुजरात की ओर
गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और इसलिए सब कुछ गुजरात की ओर जा रहा है। या पहले से भी इवेंट्स इस तरह से प्लान किए गए हैं कि चुनाव के साल में सब कुछ गुजरात में हो। खुद प्रधानमंत्री हर हफ्ते या 10 दिन पर गुजरात का दौरा कर रहे हैं और योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे हैं। अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ किया। यह सब पहले से प्लान किया हुआ था कि चुनाव के साल में राष्ट्रीय खेल गुजरात में होंगे। पिछले दिनों वेदांता-फॉक्सकॉन का डेढ़ लाख करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से उठ कर गुजरात चला गया। महाराष्ट्र में इस पर हंगामा मचा हुआ है लेकिन प्राथमिकता चूंकि गुजरात का चुनाव है इसलिए इतना बड़ा प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से छीन लेने में दिक्कत नहीं हुई। भाजपा का मौजूदा नेतृत्व चुनाव की प्लानिंग कितनी बारीकी से करता है यह बाकी पार्टियों को सीखना चाहिए। अभी गुजरात में चुनाव होने वाले हैं और उससे ठीक पहले दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की घोषणा हुई। इस साल 2020 के पुरस्कार की घोषणा हुई है, जो आशा पारेख को दिया जाएगा। आशा पारेख गुजरात की रहने वाली हैं। यह बहुत छोटी बात है लेकिन ऐसी ही छोटी छोटी बातों से भाजपा अपनी चुनावी रणनीति बनाती है। हिंदी फिल्म उद्योग से ही किसी को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार देना था तो आशा पारेख से कई गुना ज्यादा उसकी हकदार वहीदा रहमान थीं। वे हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन अदाकारा हैं। अगर किसी महिला कलाकार को देना था तो आशा पारेख से पहले वहीदा रहमान को दिया जाना चाहिए था। उनके अलावा धर्मेंद्र को भी अभी तक दादा साहेब फाल्के पुरस्कार नहीं मिला है। लेकिन अभी तो सब कुछ गुजरात के हिसाब से हो रहा है।
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