Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

कर्नाटक में नहीं लागू होगा गुजरात फॉर्मूला

कर्नाटक में भाजपा के विधायकों ने चैन की सांस ली है। बताया जा रहा है कि राज्य में गुजरात का फॉर्मूला नहीं लागू होगा। यानी ज्यादा विधायकों की टिकट नहीं कटेगी। ध्यान रहे गुजरात में चुनाव से कोई एक साल पहले पूरी सरकार बदल दी गई थी और मुख्यमंत्री रहे विजय रुपानी के साथ साथ उनकी सरकार के लगभग सभी मंत्रियों की टिकट कट गई थी। बड़ी संख्या में विधायकों की टिकट भी काटी गई थी। तभी अंदाजा लगाया जा रहा था कि कर्नाटक में भी विधायकों की टिकट कटेगी। बताया जा रहा है कि भाजपा के अंदरूनी सर्वेक्षण और जमीनी स्तर से ली गई फीडबैक के आधार पर ज्यादा लोगों को फिर से टिकट देने की राय बनी है।

असल में कर्नाटक में स्थितियां गुजरात से अलग हैं। गुजरात में भाजपा 25 साल से जीत रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह दोनों गुजरात के हैं। वह हिंदुत्व की प्रयोगशाला है और दूसरे आम आदमी पार्टी की वजह से वहां कांग्रेस को नुकसान तय था। इसलिए भाजपा को प्रयोग करने में हिचक नहीं थी। इसके उलट कर्नाटक में भाजपा की दो बार सरकार बनी है और दोनों बार उसे बहुमत नहीं था। पार्टी ने अल्पमत की सरकार बनाई और तोड़ फोड़ कर बहुमत जुटाया।

इस बार भी कांग्रेस और जेडीएस की चुनौती कम नहीं है। तभी भाजपा कर्नाटक में कोई प्रयोग नहीं कर सकती है। गुजरात की तरह कर्नाटक में हिंदुत्व की लहर नहीं है, बल्कि बारीक जातीय समीकरण साधना होगा। अगर ज्यादा लोगों की टिकट कटी तो वह सामाजिक समीकरण बिखरेगा। बताया जा रहा है कि इसी समीकरण की वजह से पार्टी ने लिंगायत मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नाम पर ही लड़ने का फैसला किया है और ज्यादातर विधायकों को फिर से टिकट देने की राय बनी है।

Exit mobile version