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गुजरात की राजनीति का तमाशा

ByNI Political,
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गुजरात की राजनीति का तमाशा
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने गुजरात की राजनीति को पूरी तरह से तमाशे में बदल दिया है। ठोस, जमीनी राजनीति की बजाय हवा हवाई वादे हैं और राजनीतिक स्टंट है। एक स्टंट उन्होंने किया था कि वे ऑटो में बैठ कर उसके ड्राइवर के यहां खाने गए थे। इसके लिए वे पुलिस से भी लड़ गए थे और कह दिया था कि उनको सुरक्षा नहीं चाहिए। वह ऑटो ड्राइवर, जो केजरीवाल का मेजबान बना था, पिछले दिनों भाजपा की रैली में गया और कहा कि वह शुरू से ही भाजपा का आदमी था और आगे भी रहेगा क्योंकि समय पड़ने पर भाजपा मदद करती है। विक्रम दंताणी नाम के इस ड्राइवर ने कहा कि उसने देखा था कि केजरीवाल पंजाब में ऑटो ड्राइवर के यहां खाने गए थे उसने भी कह दिया। इस नाटक पर परदा गिरने से पहले ही केजरीवाल ने दूसरा स्टंट कर दिया। उन्होंने गुजरात के एक सफाई कर्मचारी हर्ष सोलंकी को पूरे परिवार के साथ दिल्ली बुलाया और अपने घर पर उनको खाना खिलाया। इससे पहले सोलंकी के पूरे परिवार के हवाईजहाज से दिल्ली आने का बंदोबस्त किया गया। पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल इटालिया उनको लेकर दिल्ली आए और दिल्ली हवाईअड्डे पर राघव चड्ढा ने उनका शॉल ओढ़ा कर स्वागत किया। और वहां से लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। दूसरी पार्टियों के नेता भी चुनाव के समय दलित के घर खाना खाने जाते हैं या उन्हें गले लगाते हैं लेकिन केजरीवाल हर काम में अति नाटकीयता जोड़ देते हैं। बहरहाल, अब देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल से मिलने वाला सफाई कर्मचारी चुपचाप रहता है या थोड़े समय के बाद वह भी किसी और पार्टी का गुणगान करता मिलता है। असल में राजनीति का कोई ठोस और जमीनी एजेंडा नहीं होने पर पार्टियों को इस तरह के ड्रामे करने पड़ते हैं।
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