सरकारी कर्मचारियों और युवाओं ने चुनाव के समय विरोध प्रदर्शन का नया तरीका निकाल लिया है। एक राज्य के युवा और कर्मचारी उन राज्यों में जाकर प्रचार कर रहे हैं, जहां चुनाव हो रहे होते हैं। कुछ समय पहले यह काम आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने किया था। दिल्ली की सीमा पर धरना दे रहे किसानों ने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव समय वहां जाकर प्रचार किया था और भाजपा के खिलाफ वोट डालने की अपील की थी। धीरे धीरे यह काम और समूहों ने शुरू किया है। इस समय गुजरात और हिमाचल में चुनाव हो रहे हैं तो पड़ोसी राज्यों के लोग इन राज्यों में जाकर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपने राज्य में सत्तारूढ़ दल के खिलाफ वोट डालने की अपील कर रहे हैं।
गुजरात में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं, जहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के चुनाव पर्यवेक्षक हैं। तभी राजस्थान के बेरोजगार लोग गुजरात जाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे कई दिन से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने इसका नाम सत्याग्रह दिया है। वे कांग्रेस को वोट नहीं करने की अपील कर रहे हैं। इसी तरह के पंजाब के शिक्षक हिमाचल प्रदेश जाकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। पंजाब टीचर्स एसोसिएशन पिछले कई दिन से हिमाचल प्रदर्शन कर रहा है। पिछले दिनों जब आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हिमाचल में चुनावी रैली और रोड शो करने पहुंचे तो पंजाब टीचर्स एसोसिएशन के लोगों ने उनकी सभा में हंगामा किया, जिसके बाद मारपीट भी हो गई। इस हंगामे की वजह से केजरीवाल रोड शो छोड़ कर चले गए थे।