गुजरात प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने ऐलान कर दिया है कि भाजपा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी। यानी भूपेंद्र पटेल पार्टी के मुख्यमंत्री पद के घोषित दावेदार होंगे। यह कोई हैरान करने वाला फैसला नहीं है क्योंकि उनको बनाया ही इसलिए गया था कि पार्टी उनके चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। चेहरा का मतलब यह नहीं कि भूपेंद्र पटेल कोई बहुत बड़ा चेहरा हैं, लेकिन उनके जरिए पटेल मतदाताओं को मैसेज दिया गया है। चुनाव से एक साल पहले विजय रुपानी को हटा कर भूपेंद्र पटेल को इसी मकसद से मुख्यमंत्री बनाया गया था। बिल्कुल इसी अंदाज में 2017 के चुनाव से एक साल पहले आनंदी बेन पटेल को हटा कर विजय रूपानी को मुख्यमंत्री बनाया गया था और फिर 2017 का चुनाव उनके चेहरे पर लड़ा गया।
वहीं कहानी भूपेंद्र पटेल के मामले में दोहराई गई। चुनाव से एक साल पहले रूपानी को हटा कर पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया गया और अब पार्टी उनके चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन सवाल है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का क्या होगा? क्या उनके बारे में भी पार्टी ऐसी कोई घोषणा करेगी? इसकी संभावना बहुत कम है। पिछला चुनाव भी उनके चेहरे पर नहीं लड़ा गया था। प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए थे, जिसके बाद ठाकुर को सीएम बनाया गया। इस बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा है। हालांकि अगर नड्डा फिर से अध्यक्ष बनने वाले हैं, जैसी चर्चा है तो फिर रेस में अकेले अनुराग ठाकुर बचेंगे। तभी संभव है कि हिमाचल प्रदेश में पार्टी किसी प्रादेशिक नेता की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़े।
भूपेंद्र पटेल की घोषणा, जयराम का क्या होगा!
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