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भाजपा का मुद्दा कितना कारगर होगा?

ByNI Political,
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भाजपा का मुद्दा कितना कारगर होगा?
भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय यानी लोकसभा चुनाव में जिस तरह से लड़ती है और जिस तरह से कांग्रेस को निशाना बनाया जाता है उसी तरह हिमाचल प्रदेश में चुनाव लड़ा जा रहा है। राज्य में भाजपा के सभी स्टार प्रचारकों के निशाने पर कांग्रेस है। यह दिलचस्प है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी वहां प्रचार के लिए नहीं जाएंगी। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रचार करने नहीं जाएंगे क्योंकि वे इस समय भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। इसके बावजूद भाजपा नेताओं के निशाने पर सोनिया और राहुल गांधी हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी सभाओं में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कई जगह कहा कि कांग्रेस के पास अब कुछ नहीं बचा है, वह मां और बेटे की पार्टी है। हालांकि मां और बेटा दोनों प्रचार नहीं कर रहे हैं। भाजपा के प्रचार का दूसरा मुद्दा यह है कि कांग्रेस राजा और रानी की पार्टी है। इस जुमले से दिवंगत वीरभद्र सिंह और उनकी उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को निशाना बनाया जा रहा है। अब सवाल है कि भाजपा के ये दोनों एजेंडे कितने कारगर होंगे? क्या हिमाचल के लोगों के राजा और रानी के नैरेटिव से कोई दिक्कत है? पिछले इतिहास को देखते हुए लग नहीं रहा है कि लोगों को इससे कोई परेशानी है। उलटे राजा और रानी दोनों के प्रति उनका लगाव रहा है तभी वीरभद्र सिंह लगातार राज्य के मुख्यमंत्री बनते रहे थे। इसी तरह सोनिया और राहुल की गैरहाजिरी में उनको निशाना बनाना भी बहुत कारगर नहीं होगा। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा कमान संभाल रही हैं लेकिन भाजपा उनको निशाना नहीं बना रही है। हालांकि एकाध नेताओं ने कांग्रेस को भाई बहन की पार्टी भी कहा लेकिन प्रियंका से ज्यादा राहुल ही निशाने पर हैं। अब देखना है कि पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार में उतरते हैं तो वे कौन सा मुद्दा उठाते हैं।
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