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अंबिका सोनी का फैसला कैसे हुआ?

ByNI Political,
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अंबिका सोनी का फैसला कैसे हुआ?
कांग्रेस मुख्यालय में स्वतंत्रता दिवस के मौक पर अंबिका सोनी के झंडा फहराने का फैसला कैसे हुआ? क्या लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद यह तय किया गया कि अंबिका सोनी झंडा फहराएंगी या पहले से ही यह फैसला हुआ था? ध्यान रहे प्रधानमंत्री ने लाल किले से भाषण में वंशवाद पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने परिवारवाद को खत्म करने की लोगों से अपील की थी। इसके अलावा उन्होंने नारी शक्ति को भारत की सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए उसे मौके देने की बात कही थी। तभी कई लोग यह कह रहे हैं कि उनके भाषण के बाद तय हुआ कि राहुल या प्रियंका गांधी में से कोई झंडा नहीं फहराएगा और किसी महिला को यह मौका दिया जाए। तभी अंबिका सोनी का नाम तय हुआ। लेकिन यह हकीकत नहीं है। असल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही तय कर दिया था कि अंबिका सोनी झंडा फहराएंगी। सोनिया खुद कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। राहुल भी संक्रमित हैं और प्रियंका थोड़े दिन पहले संक्रमित हुई थीं। राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी कोरोना संक्रमित हैं और कर्नाटक में हैं। इसलिए एक दिन पहले ही तय हुआ था कि कोई दूसरा वरिष्ठ नेता झंडा फहराएगा। आमतौर पर यह काम एके एंटनी करते हैं लेकिन राजनीति से संन्यास की घोषणा के बाद वे केरल चले गए हैं। एक अंदाजा यह लगाया जा रहा था कि गुलाम नबी आजाद या मुकुल वासनिक या पवन बंसल में से कोई झंडा फहराएगा। लेकिन परिवार के प्रति निष्ठा को देखते हुए अंबिका सोनी का चुनाव हुआ। हैरानी की बात यह है कि राहुल और प्रियंका गांधी दोनों झंडा फहराने के समारोह में शामिल हुए। राहुल पूर्व अध्यक्ष हैं इस नाते वे झंडा फहरा सकते थे लेकिन उन्होंने अंबिका सोनी को मौका देकर एक साथ कई मैसेज दिए हैं। उन्होंने आगे अध्यक्ष नहीं बनने का मैसेज भी दिया है तो महिलाओं को आगे लाने का भी मैसेज दिया है।
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