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कोरोना का 15 लाख टेस्ट कैसे होगा?

ByNI Political,
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कोरोना का 15 लाख टेस्ट कैसे होगा?
भारत सरकार ने रैपिड टेस्टिंग किट से कोरोना वायरस का टेस्ट रोक दिया है। शनिवार को मंत्री समूह की बैठक में यह फैसला हुआ। उससे पहले इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इसे दो दिन के लिए रोका था। दो दिन के बाद इसे अगले आदेश तक रोक दिया गया और शनिवार को कहा गया कि अब भारत में रैपिड टेस्ट नहीं होगा। कारण यह है कि इसकी एक्यूरेसी ठीक नहीं है। हालांकि यह कुछ खास टेस्टिंग किट की समस्या हो सकती है। आखिर दुनिया इसी से टेस्ट करके आगे बढ़ रही है। पर भारत ने दक्षिण कोरिया या दूसरी जगहों से प्रमाणित संस्थाओं से टेस्टिंग किट मंगाने की बजाए उससे जांच रोक रही है। तभी यह भी अंदेशा जताया जा रहा है  कि सरकार खुद ही रैपिड टेस्ट नहीं कराना चाहती है और उसे खराब किट की वजह से एक बहाना मिल गया है। बहरहाल, शनिवार को मंत्री समूह की बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई कि सरकार के पास 15 लाख टेस्ट करने की क्षमता है। इसमें से करीब साढ़े पांच लाख टेस्ट हो चुके हैं। इसका मतलब है कि सरकार दस लाख टेस्ट और कर सकती है। पर ऐसा कैसे होगा? सरकार के हवाले से ही दूसरी खबर यह है कि भारत के पास अब सिर्फ तीन लाख आरएनए एक्सट्रैशन किट हैं। ध्यान रहे कोरोना की जांच की आरटी-पीसीआर तकनीक से जांच के लिए आरएनए एक्सट्रैक्शन किट जरूरी होता है। एक किट से एक व्यक्ति की जांच होती है। और कई बार एक ही व्यक्ति की दो या तीन बार जांच करनी होती है। फिर तीन लाख किट से कैसे दस लाख लोगों की जांच होगी? सरकार जांच की संख्या को प्रतिदिन एक लाख तक ले जाना चाहती है। इसके लिए तत्काल 20 लाख या उससे ज्यादा एक्सट्रैक्शन किट की जरूरत होगी। सरकार को इसके बारे में और रैपिड टेस्टिंग किट के बारे में भी आधिकारिक रूप से और ठोस जानकारी देनी चाहिए।
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