भारत के प्रति चीन ने अपना दुश्मनी वाला रवैया खुल कर दिखा दिया है। उसने पूर्वी और उत्तरी दोनों तरफ की सीमा पर भारत को घेरा है। वह पूर्वी लद्दाख से लेकर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक भारत की सीमा में घुसने का प्रयास किया है या घुसा है। पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए। दुनिया भर के देशों ने इस मामले में भारत का साथ दिया और चीन पर हमला किया। पिछले साल अमेरिका के तत्कालीन विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने भारत के मामले को लेकर चीन पर कई बार हमला किया। चीन उनसे इतना नाराज हुआ कि उसने डोनाल्ड ट्रंप के हारने के बाद पोम्पियो के ऊपर पाबंदी लगा दी। लेकिन भारत कोई ऐसी बात नहीं कह रहा है, जो चीन को बुरी लगे।
उलटे भारत चीन की बातों का ही समर्थन कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि कोई भी भारत की सीमा में नहीं घुसा है। चीन ने तत्काल इस बात का प्रचार किया। अब अमेरिकी अखबार ‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने बताया है कि गलवान की झड़प के बाद चीन ने भारत पर साइबर अटैक किया था और मुंबई की बिजली आपूर्ति बाधित कर दी थी। इस बार भी अमेरिका के नेता भारत की मदद में खड़े हैं और चीन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं पर भारत ने उलटे चीन को ही क्लीन चिट दे दी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि मुंबई में बिजली आपूर्ति मानवीय गलती से बाधित हुई थी, वह साइबर अटैक नहीं था। सोचें, ऐसी क्या मजबूरी है, जो दुनिया के देश भारत के मामले में चीन का विरोध कर रहे हैं और खुद भारत उसे क्लीन चिट दे रहा है?
56 इंच का सीना है झूठ बोल कर जीना है
कायर को धंधा करना है और कमीशन पीना है