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मोदी सरकार तालिबान को गले लगाएगी!

ByNI Political,
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मोदी सरकार तालिबान को गले लगाएगी!
India recognize taliban afghanistan  दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन और आतंकवाद की फैक्टरी तालिबान को दुनिया मान्यता देगी। अमेरिका ऐसा चाहता है और इसलिए दुनिया में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। संयुक्त राष्ट्र संघ में अफगानिस्तान को लेकर तैयार किया गया प्रस्ताव इसकी एक मिसाल है। यह शुरुआत है। इस प्रस्ताव में पहले तालिबान का नाम था लेकिन अब उसे हटा दिया गया है। पहली बार 16 अगस्त को यह प्रस्ताव मंजूर किया गया था, जिसमें नाम लेकर तालिबान से कहा गया था कि वह दूसरे देशों में आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन नहीं देगा। लेकिन 10 दिन बाद एक दूसरा प्रस्ताव मंजूर किया गया, जिसमें से तालिबान का नाम नदारद था। Read also भाजपा-जदयू की बयानबाजी चलती रहेगी सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के नाते भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने दोनों प्रस्तावों पर दस्तखत किए हैं।  काबुल पर तालिबान के कब्जे के एक दिन बाद 16 अगस्त को जारी किए बयान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने चेतावनी देते हुए प्रस्ताव में कहा था- तालिबान को या किसी अफगानी समूह को या किसी व्यक्ति को दूसरे देश के अंदर मौजूद आतंकवादियों के साथ सहयोग नहीं करना चाहिए। इसके 10 दिन बाद 26 अगस्त को एक नया प्रस्ताव मंजूर किया गया, जिसमें कहा गया- किसी अफगानी समूह को किसी देश में आतंक फैला रहे आतंकवादियों का सहयोग नहीं करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी सैयद अकबरूद्दीन ने इस बदलाव को नोटिस किया और यह भी कहा कि एक पखवाड़े में कूटनीति में बहुत सी चीजें बदल जाती हैं। बहरहाल, यह तालिबान को आतंकवादी नहीं मानने की शुरुआत है। इसके बाद उसे मान्यता देना शुरू होगा। अमेरिका में राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता से तालिबान को मान्यता देने के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता नेड प्राइस ने जवाब देने से इनकार कर दिया। बिल्कुल यही प्रतिक्रिया भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की भी है। उन्होंने कहा कि भारत ने अभी अपनी अफगान नीति तय नहीं की है। उन्होंने कहा है कि तालिबानी सरकार अभी शुरुआत चरण में है और भारत का लक्ष्य अभी वहां फंसे लोगों को निकाल कर लाना है। Read also पंजाब में सबका दुश्मन सिद्धू! यह कहने की बात है। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव की भाषा बदल रही है और अमेरिका तालिबान के साथ संबंध बनाए रखना चाह रहा है। उसके लोग काबुल या कतर में तालिबान से बात कर रहे हैं तो उसे देर-सबेर मान्यता मिलनी है। तभी सवाल है कि क्या भारत भी तालिबान को मान्यता देगा? यह लाख टके का सवाल है, जिसका जवाब अभी तुरंत नहीं मिलेगा। भारत का रुख इस मसले पर अगले उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के बाद जाहिर होगा। उस चुनाव से पहले तो तालिबान को मान्यता नहीं मिलेगी, लेकिन उसके बाद अगर दुनिया के देशों ने तालिबान को मान्यता दी तो भारत भी मान्यता दे सकता है।
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