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दागियों से दूरी रखें तो ठीक रहेगा

ByNI Political,
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दागियों से दूरी रखें तो ठीक रहेगा
इंडियन नेशनल लोकदल की फतेहाबाद रैली के बाद भाजपा की जो सबसे पहली प्रतिक्रिया थी, वह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की थी, जिन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा था। विपक्षी पार्टियों को इसका ध्यान रखना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जो छवि गढ़ी गई है उसमें हिंदू हृद्य सम्राट और महान देशभक्त के साथ साथ मुख्य तत्व यह है कि वे ईमानदार हैं। खुद प्रधानमंत्री और भाजपा दोनों इस बात का सबसे ज्यादा प्रचार करते हैं कि विपक्ष भ्रष्ट है और प्रधानमंत्री मोदी, उनकी सरकार और उनकी पार्टी ईमानदार है। विपक्ष चाहे तो प्रधानमंत्री की ईमानदारी को लेकर सवाल उठा सकता है। उनकी सरकार के कामकाज के बारे में बता सकता है। उद्योगपतियों को बढ़ावा देने वाली नीतियों के बारे में लोगों को बता सकता है। लेकिन यह काम ओमप्रकाश चौटाला को साथ रख कर नहीं होगा। नीतीश कुमार यह काम कर सकते हैं क्योंकि निजी तौर पर या उनकी सरकार पर भी एकाध अपवादों को छोड़ दें तो किसी बड़े घोटाले का आरोप नहीं है। दूसरे, वे 17 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं और इस दौरान 14 साल तक भाजपा उनके साथ रही है और ज्यादातर समय भाजपा के सुशील कुमार मोदी उनके उप मुख्यमंत्री रहे हैं। इसलिए भाजपा को उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने में दिक्कत होगी। लेकिन मुश्किल यह है कि पता नहीं क्यों नीतीश कुमार हरियाणा की राजनीति पर इतना ध्यान दे रहे हैं और बार बार ओमप्रकाश चौटाला से मिल रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामले में लालू प्रसाद भी सजायाफ्ता हैं लेकिन वे शुरू से भाजपा विरोधी रहे हैं और कहा जा सकता है कि इस वजह से उनको सजा हुई है। लेकिन चौटाला परिवार तो बरसों तक भाजपा के साथ रहा है। आगे भी कोई गारंटी नहीं दे सकता है कि उनका परिवार भाजपा के साथ नहीं जाएगा। इसलिए विपक्ष को साफ-सुथरे चेहरों को लेकर ही विपक्ष की राजनीति करनी चाहिए।
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