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राहुल की विदेश यात्रा क्या रणनीतिक है ?

ByNI Political,
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राहुल की विदेश यात्रा क्या रणनीतिक है ?
Rahul's foreign trip : एक तरफ इस बात की चर्चा हो रही है कि राहुल गांधी को इस समय विदेश नहीं जाना चाहिए था क्योंकि किसानों का आंदोलन चल रहा है और कांग्रेस का स्थापना दिवस भी था, जिस मौके पर उनको रहना चाहिए था। पर कांग्रेस का सोमवार को हुआ स्थापना दिवस का समारोग देख कर ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस की एक खास रणनीति के तहत राहुल गांधी विदेश गए। राहुल गांधी की गैरहाजिरी में पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी मुख्यालय में झंडा फहराया। Rahul's foreign trip : अगर राहुल गांधी होते तो प्रोटोकॉल के हिसाब से वे झंडा फहराते क्योंकि वे पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं। सोनिया गांधी की गैरहाजिरी में पार्टी में वे नंबर वन हैं। उनके नहीं रहने पर यह पार्टी को तय करना था कि संगठन महासचिव झंडा फहराएगा या पार्टी के कोषाध्यक्ष यह जिम्मेदारी निभाएंगे या किसी और वरिष्ठ नेता को मौका मिलेगा। Rahul's foreign trip : सबको पता था कि सोनिया गांधी की सेहत ठीक नहीं है इसलिए वे झंडा नहीं फहराएंगे। सो, राहुल की गैरहाजिरी में एके एंटनी ने यह जिम्मेदारी निभाई। इससे पहला मैसेज तो यह दिया गया है कि कांग्रेस में सबसे ऊपर सिर्फ गांधी परिवार ही नहीं है। एंटनी का मैसेज यह है कि वे केरल से आते हैं, जहां अगले चार महीने में विधानसभा का चुनाव होना है। कांग्रेस ने उनसे झंडोत्तोलन करा कर बड़ा मैसेज दिया है। प्रियंका गांधी दर्शकों में खड़ी थीं और एंटनी ने झंडा फहराया, इससे पार्टी के अंदर उनसे महत्व को दिखाया गया है। झंडोत्तोलन के समय ‘वंदे मातरम’ का भी गायन हुआ और ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ भी गाया गया और तब राष्ट्रगान हुआ। कांग्रेस ने इस पूरे कार्यक्रम से एक बड़ा मैसेज दिया है।
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