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वंशवाद मजबूत हुआ या कमजोर!

ByNI Political,
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वंशवाद मजबूत हुआ या कमजोर!
Political dynasty Modi cabinet भारत में वंशवाद के विरोध की राजनीति की चैंपियन पार्टी भाजपा है। उसके नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों देश की नंबर एक राजनीतिक बुराई वंशवाद को बताया था। कांग्रेस हमेशा इसके लिए भाजपा के निशाने पर रही है। लेकिन खुद भाजपा हर राज्य में वंशवाद को मजबूती से स्थापित करती जा रही है। अभी हाल ही में उसने कई बड़े नेताओं के बेटों को कैबिनेट मंत्री बनाया। ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर अनुराग ठाकुर और अनुप्रिया पटेल तक सब राजनीतिक वंशवाद के प्रतिनिधि चेहरे हैं। अब भाजपा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे एसआर बोम्मई के बेटे बासवराज बोम्मई को अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री बना दिया है। बासवराज बोम्मई के पिता एसआर बोम्मई ने बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल के समय में 1988-89 में राज्य की कमान संभाली थी और तब बासवराज भी अपने पिता के साथ थे। भाजपा में शामिल होने से पहले वे दो बार जनता दल से विधायक रह चुके थे। उनके पिता कम्युनिस्ट विचारधारा के समर्थक थे। वे अपने को एमएन रॉय का अनुयायी बताते थे और तब की भाजपा के सबसे बड़े नेता नेता लालकृष्ण आडवाणी और संघ के प्रति उनका नजरिया बड़ा कठोर था। अपने पिता एसआर बोम्मई के अक्टूबर 2007 में हुए निधन के थोड़े समय बाद ही 2008 में बासवराज बोम्मई भाजपा में शामिल हुए। Read also राहुल से सबको दिक्कत कोई 13 साल पहले राज्य में पहली बार भाजपा की सरकार बनने के समय येदियुरप्पा उनको पार्टी में लेकर आए थे। उस समय बासवराज अपने पिता के निधन के बाद से जनता दल की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता तलाश रहे थे। जनता दल पर देवगौड़ा परिवार के वर्चस्व की वजह से वहां वोक्कालिगा हावी हो गए थे और लिंगायत की पूछ कम हो गई थी। इसलिए लिंगायत नेता येदियुरप्पा के साथ आने में उनको दिक्कत नहीं हुई। यह भी एक दिलचस्प तथ्य है कि जिस समय बासवराज के पिता एसआर बोम्मई कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे उस समय विधानसभा में भाजपा के इकलौते विधायक बीएस येदियुरप्पा थे। आज उसी येदियुरप्पा ने बोम्मई के बेटे को राज्य का मुख्यमंत्री बनवा दिया।
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