प्रधानमंत्री की पसंदीदा परियोजना, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट बनाने के लिए ऐसा नहीं है कि सिर्फ अंग्रेजों के जमाने में बनी इमारतें तोड़ी जाएंगी या ऐसी इमारतें हटाई जाएंगी, जो 50 साल या उससे ज्यादा पुरानी हैं। दस साल से भी कम समय पहले बनी इमारत भी इसके लिए तोड़ दी जाएगी। नई दिल्ली में राजपथ के बीच में इंडिया गेट से पहले जवाहर लाल नेहरू भवन का निर्माण हुआ था, जिसमें विदेश मंत्रालय का कार्यालय चलता है। कोई 10 साल पहले 220 करोड़ रुपए की लागत से यह इमारत बनी थी।
भारत की यह पहली सरकारी इमारत थी, जिसका निर्माण बेहद प्रतिष्ठित ग्रीन सर्टिफिकेट के साथ किया गया था। कांग्रेस पार्टी की मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली सरकार ने इसका निर्माण कराया था। इसे भी तोड़े जाने की खबर है। यह आधुनिक और नए तरह के निर्माण का मिश्रण है। इसकी जगह सात मंजिल की एक दूसरी इमारत बनेगी। बहरहाल, इस प्रोजेक्ट पर अभी निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ है और सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी इमारत को तोड़ने या नए निर्माण पर रोक लगाई हुई है। लेकिन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, सीपीडब्लुडी की योजना के मुताबिक इसे तोड़ा जाना तय है। नई इमारतों का निर्माण पहले 2024 तक होना था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से हुई देरी के कारण यह परियोजना 2026 में पूरी होगी।
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