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झारखंड में पटरी से उतरी भाजपा की गाड़ी!

ByNI Political,
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झारखंड में पटरी से उतरी भाजपा की गाड़ी!
विधानसभा चुनाव हारने के बाद झारखंड में भाजपा को मजबूती देने के लिए पार्टी नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश के दिग्गज नेता बाबूलाल मरांडी को पार्टी में वापस शामिल कराया था। बाबूलाल मरांडी के करीबी रहे दीपक प्रकाश को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई और दीपक प्रकाश को राज्यसभा में भी भेजा गया। इसके बावजूद प्रदेश में पार्टी बिखरी हुई दिख रही है। वैसे कोरोना वायरस की वजह से राजनीतिक गतिविधियां कम हुई हैं पर भाजपा का बिखराव दूसरे कारणों से दिख रहा है। प्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं पर उसके लिए पार्टी तैयार नहीं दिख रही है। दोनों सीटें सत्तारूढ़ गठबंधन की हैं और वहीं गठबंधन बेहतर तैयारी में दिख रहा है। असल में भाजपा में वापस लौटने के समय मरांडी की पार्टी टूट गई और उनके दो विधायक कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने असली पार्टी होने का दावा किया है, जिसके आधार पर मरांडी की विधानसभा की सदस्यता सवालों के घेरे में है। स्पीकर ने इस मामले को विचार में डाल दिया है। इसकी वजह से विधायक दल का नेता चुन लिए जाने के बाद भी मरांडी को नेता विपक्ष का दर्जा नहीं मिल रहा है। इससे निजी तौर से उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है पर इससे पार्टी का मनोबल गिरा है। इस बीच पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है। इससे प्रदेश में उनके समर्थकों को संजीवनी मिल गई है और पार्टी का एक नया शक्ति केंद्र बन गया है। अर्जुन मुंडा पहले से केंद्रीय मंत्री हैं और उनके समर्थक उनके साथ हैं। इस तरह से प्रदेश में कई खेमे बन गए हैं और सबके नेता अपनी अपनी राजनीति कर रहे हैं। बिहार चुनाव के बाद पार्टी आलाकमान प्रदेश की राजनीति पर ध्यान दे तभी हालात संभलेंगे।
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